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हरियाली की माँओं ने संभाली ज़िम्मेदारी — तुलसी की पूजा करने वाली महिलाएं अब 1000 पौधों की संरक्षक बनीं

बीकानेर, किसमीदेसर। राधा नगर कॉलोनी में जब रोटरी क्लब अपराइज ने वृक्षारोपण अभियान की शुरुआत की, तो यह एक साधारण पहल लग रही थी। लेकिन इस पहल को एक नई ऊँचाई तब मिली, जब शहर की शिक्षित, प्रोफेशनल और पारिवारिक जिम्मेदारियों में व्यस्त महिलाएं पर्यावरण की भी ‘माँ’ बन गईं।

ये वही महिलाएं हैं जो वर्षों से अपने घरों में तुलसी की पूजा करती आ रही हैं। अब इन्होंने 1000 पौधों की उसी श्रद्धा और स्नेह से परवरिश का बीड़ा उठाया है। इनमें आम, नीम, जामुन, अनार और शहतूत जैसे फलदार व औषधीय वृक्ष शामिल हैं।

रोटरी अपराइज की प्रेरणादायक सदस्याएं—रुचि दफ्तरी (अध्यक्ष), शिवाली कोठारी, गजल बोथरा और अंजलि गुप्ता—ने इस पूरे अभियान को नेतृत्व दिया। वे केवल आयोजनकर्ता नहीं रहीं, बल्कि खुद ज़मीन पर उतरकर पौधे लगाए, मिट्टी तैयार की और राधा नगर की स्थानीय महिलाओं व बच्चों को इस हरियाली मिशन में सक्रिय भागीदार बनाया।

पौधों की देखभाल के लिए एक माली परिवार की सहायता जरूर ली जा रही है, लेकिन असली संरक्षक वे महिलाएं हैं, जो दिन में ऑफिस का काम, शाम को परिवार की देखभाल और अब सुबह-सवेरे इन पौधों की सेवा कर रही हैं। इनके लिए यह सिर्फ पेड़ नहीं हैं, यह भविष्य की हरियाली की गोद हैं।

इस अभियान ने यह सिद्ध किया कि वृक्षारोपण सिर्फ पौधे लगाने तक सीमित नहीं, यह एक सामाजिक आंदोलन है—जिसमें महिलाएं प्रकृति की नई नेता बनकर उभर रही हैं। इनका संदेश है:
“हम समाज को ही नहीं, धरती को भी संवार सकती हैं।”

रोटरी क्लब अपराइज ने इसे एक सप्ताह की पहल न बनाकर बीकानेर के पर्यावरण को संवारने वाला दीर्घकालिक हरित आंदोलन बना दिया है—जो आने वाले वर्षों तक शहर की सांसों को शुद्ध करता रहेगा।

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