.. और महिलाओं को विकट परिस्थिति में दूर ना जाना पड़े – भाटी
– सीमावर्ती गांवों में बने प्रसूति केंद्र – अधिकारी नियमित रूप से करें कार्यों की गुणवत्ता की जांच
– बीएडीपी की प्रस्तावित वार्षिक कार्ययोजना की समीक्षा बैठक आयोजित
बीकानेर। उच्च शिक्षा राज्य मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि सीमांत क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत सीमावर्ती गांव भूरासर, गज्जेवाला तथा खाजूवाला के सीमा से लगते गांवों में प्रसूति केंद्र भवन बनाए जाएं ताकि सीमा के पास रहने वाले लोगों को उनके गांव में ही प्रसूति की सुविधा मिल सके और महिलाओं को विकट परिस्थिति में दूर ना जाना पड़े। भाटी शुक्रवार को नगर विकास न्यास सभागार में सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम के वर्ष 2020-21 के तहत वार्षिक प्रस्तावित कार्ययोजना की समीक्षा बैठक में बोल रहे थे।
भाटी ने कहा कि प्रथम बार 4 वर्षीय योजना बनाई जा रही है, इसके पीछे सरकार का उद्देश्य है कि जीरो से 10 किलोमीटर भारत-पाकिस्तान सीमा से लगते क्षेत्र में रहने वाले लोगों को विभिन्न योजनाओं का फायदा योजना के संचालन से मिले। जो कार्य किये जा रहे हैं वे कार्य संपूर्ण हो जाए इस बात को ध्यान में रखते हुए प्रथम बार ऐसा किया जा रहा है। इसके साथ ही इस परिधि में आने वाली सभी ढाणियों में विद्युतीकरण हो जाए इसकी भी योजना बनाकर कार्य प्रारंभ किया जाए।
उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि सभी विभागों द्वारा अगले 4 वर्षों की कार्य योजना बना ली गई है। योजना की क्रियान्विति और बेहतर तरीके से हो इसके लिए सम्बन्धित विभागों के सभी अधिकारी गांव का एक बार दौरा कर यह सुनिश्चित करने करें कि कार्य प्रारंभ होने से लेकर अंजाम तक बेहतर तरीके से पहुंचे। साथ ही स्थानीय लोगों से भी बातचीत कर उनसे कुछ और सुझाव भी लिए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के विभिन्न विद्यालयों में भी अगर अध्यापकों के आवास बन जाए तो दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले अध्यापकों को आवास की सुविधा और बेहतर मिल सकेगी। साथ ही राजकीय विद्यालयों में पेयजल की आपूर्ति की भी पुख्ता व्यवस्था की जाए।
सीमांत क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत वर्ष 2020-21 के लिए बनाए जाने वाले प्रस्ताव के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम ने कहा कि 4 वर्षीय कार्ययोजना के तहत पहले वर्ष के लिए 16 करोड़ रुपए के कार्य के प्रस्ताव बनाकर राज्य सरकार को भेजे जाएंगे। विभिन्न विभागों के द्वारा होने वाले कार्यों के लिए कार्यकारी एजेंसी का कार्य संबंधित विभाग को ही रखा जाने के लिए भी राज्य सरकार से आवश्यक आदेश जारी करवाए जाएंगे। साथ ही इस कार्य योजना में ही 50 लाख रुपए की लागत से प्रसूति केंद्र भवन इसी वर्ष बनाने के भी प्रयास किए जाएंगे।
कुमार ने बताया कि सीमा क्षेत्र विकास व मनरेगा के माध्यम से प्रत्येक गांव में एक खेल मैदान विकसित किया जाएगा। इसके पीछे सरकार और प्रशासन की मंशा यह है कि अधिक से अधिक लोगों को मनरेगा के माध्यम से रोजगार से जोड़ा जाये और आधारभूत सुविधाएं भी विकसित हो सकें। उन्होंने सार्वजनिक निर्माण विभाग के अभियंता को निर्देश दिए कि 7 वर्ष पूर्व जो सड़क बनी हुई है, अब उसे पुनः बनाने के लिए प्रस्ताव बनाए जाएं।
जिला कलक्टर एवं समिति के अध्यक्ष कुमार पाल गौतम ने कहा कि वर्तमान में बनाए जा रहे प्रस्तावों में अन्तरराष्ट्रीय सीमा से 10 किलोमीटर क्षेत्र के लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिले इसके लिए वहां एंबुलेंस और मोबाइल वैन की भी खरीद की जाएगी। साथ ही इस एंबुलेंस में आवश्यक स्टाफ की नियुक्ति भी संविदा के आधार पर बीएडीपी से करने के प्रस्ताव भी भारत सरकार एवं राज्य सरकार को पृथक से भिजवाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि खाजूवाला में ही मनरेगा के सहयोग से बीएसएफ के साथ मिलकर एक ट्रेनिंग सेंटर विकसित किया जाएगा, जहां सेना के विभिन्न पदों की भर्ती के लिए होने वाली फिजिकल टेस्ट की तैयारी करवाई जाएगी। इसके लिए भूमि आवंटन का कार्य भी पृथक से किया जाएगा।
बैठक में खाजूवाला क्षेत्र में होने वाले विभिन्न कार्यों की चर्चा के दौरान खाजूवाला विधायक गोविंद मेघवाल ने कहा कि क्षेत्र में बीएसएफ की बीओपी पोस्ट में एक हॉस्पिटल बनाना चाहिये। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि खाजूवाला क्षेत्र में विभिन्न विकास कार्यों पर 4 करोड़ रुपए व्यय होने हैं जिसमें पानी-बिजली सहित अन्य कार्यों को भी सीमा क्षेत्र विकास की कार्य योजना में शामिल किया जाए। विधायक मेघवाल ने कहा कि रावला, भूरासर के साथ-साथ खाजूवाला के विभिन्न क्षेत्रों में भी सैनेट्री डिग्गियां और हेडपंप विकसित करने का कार्य भी किया जाना प्रस्ताव में शामिल किया जाए। साथ ही उन्होंने खाजूवाला क्षेत्र की पाकिस्तान से लगती सीमा के 10 किलोमीटर क्षेत्र में जीएसएस बनाने की भी बात कही।
बैठक में मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद नरेंद्र पाल सिंह, भारतीय प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु अधिकारी कनिष्क कटारिया, बीएसएफ के आलोक शुक्ला, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी. एल. मीना, जिला परिषद के अधीशाषी अभियंता यशपाल पूनिया, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधीक्षण अभियंता दीपक बंसल सहित सार्वजनिक निर्माण विभाग, विद्युत वितरण निगम तथा कोलायत और खाजूवाला के विकास अधिकारियों सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।