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श्रावण मास में जीवदया की मिसाल — सजगता और तत्परता से बची नंदी की जान

बीकानेर (सुरधना)। श्रावण मास में एक नंदी की जान बचाकर बीकानेर के जीव प्रेमियों और सेवा संस्थाओं ने मानवता की प्रेरणादायक मिसाल पेश की। यह घटना शनिवार को जोड़बीड़ वन क्षेत्र में हुई, जहाँ एक घायल नंदी पर जंगली मांसाहारी कुत्तों ने हमला कर दिया था।

बीकानेर सेवा योजना के अध्यक्ष राजकुमार व्यास ने बताया कि वन रक्षक किशोर सिंह, जो संगठन से भी जुड़े हैं, अपनी गश्त के दौरान कच्चे रास्ते पर इस हमले को देखकर तुरंत सक्रिय हुए। उन्होंने न केवल नंदी को कुत्तों से बचाया, बल्कि तत्काल संस्था के महामंत्री छोटूलाल चुरा को सूचना दी।छोटूलाल चुरा ने तत्परता दिखाते हुए सुरधना स्थित जय जुझार गौ सेवा समिति को सूचित किया।

समिति के पदाधिकारी — पेमाराम कुमावत, लालचंद ओस्तवाल, कैलाश कुमावत और डॉ. जितेंद्र सिंह — मारुति वेन में मौके पर पहुंचे।घायल नंदी के पेट में गहरा घाव हो गया था, जिसका पहले प्राथमिक उपचार किया गया। इसके बाद नंदी को तुरंत बीकानेर स्थित गोगागेट पशु चिकित्सालय पहुंचाया गया, जहाँ डॉक्टरों और स्टाफ ने तत्परता से इलाज शुरू किया।नंदी की हालत अस्पताल पहुंचने तक गंभीर थी, लेकिन समय पर बचाव और उपचार से उसकी जान बच सकी।इस घटनाक्रम ने यह साबित किया कि यदि सजगता और संस्थाओं के बीच समन्वय हो, तो संकट में फंसे बेजुबानों की रक्षा संभव है। यह प्रयास विशेष रूप से श्रावण मास की जीवदया भावना के अनुरूप रहा।

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