नो-एंट्री आदेशों पर पुनः विचार की मांग
जिला उद्योग संघ ने कलक्टर को सौंपा ज्ञापन

बीकानेर। बीकानेर जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष द्वारकाप्रसाद पचीसिया और सचिव वीरेंद्र किराड़ू ने जिला कलक्टर को ज्ञापन प्रेषित कर भारी वाहनों पर लागू की गई नो-एंट्री व्यवस्था की त्वरित पुनः समीक्षा की मांग की है। संघ का कहना है कि 20 जून 2025 को सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में मौके का निरीक्षण या विस्तृत विश्लेषण किए बगैर आदेश जारी किए गए, जिससे शहर के औद्योगिक व व्यापारिक इलाकों पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।
संघ के अनुसार बीछवाल, करणी, राजीबाजार, अनाज मंडी और फल-सब्ज़ी मंडी जैसे प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों तक अब भारी वाहनों की सीधी आवाजाही बंद हो जाएगी। इससे ट्रकों को बेवजह टोल चुकाकर लगभग 25 किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर लगाना पड़ रहा है, जिसके कारण माल ढुलाई खर्च बढ़ रहा है और उत्पादन व आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित हो रही है।
ज्ञापन में उल्लेख है कि रोज़ाना लगभग 500 से अधिक ट्रक बीकानेर के उद्योगों और मंडियों में माल लाते-ले जाते हैं। नो-एंट्री ने इन्हें मुख्य सड़कों पर रोके जाने की स्थिति पैदा कर दी है, जिससे जाम और दुर्घटना की आशंका बढ़ गई है। रात में पहुंचने वाले माल को उतारने के लिए मज़दूर मिलने में भी कठिनाई होगी, जिसका सीधा प्रभाव दैनिक मज़दूरी पर पड़ेगा।
पचीसिया ने कहा कि जबकि राज्य सरकार उद्योग और व्यापार को प्रोत्साहन देने के लिए प्रतिबद्ध है, बिना ज़मीनी आकलन के ऐसे प्रतिबंधात्मक आदेश औद्योगिक विकास के लिए बाधक साबित होंगे। संघ ने जिला प्रशासन से मांग की है कि वह मौके पर निरीक्षण कर वस्तुस्थिति समझे और नो-एंट्री व्यवस्था में आवश्यक संशोधन करे, ताकि उद्योगों की उत्पादन क्षमता और शहर की यातायात व्यवस्था दोनों सुचारु रह सकें।