सिंधु दर्शन यात्रा 2025 : देशभक्ति, श्रद्धा और संस्कृति का अनुपम संगम
– कारगिल-लेह-लद्दाख में गूंजे ‘जय सिंधु मैया’ के उद्घोष
बीकानेर।भारतीय सिंधु सभा के प्रेरणा स्रोत और सतत प्रयासों से इस वर्ष भी माँ भारती के मुकुट स्थल पर भव्य सिंधु दर्शन यात्रा 2025 का आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। ‘जय सिंधु मैया, वंदे मातरम, भारत माता की जय, और जय हिंद’ के उद्घोषों से कारगिल-लेह-लद्दाख की पर्वतीय घाटियाँ गूंज उठीं।इस धार्मिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत यात्रा में देशभर से लगभग 270 श्रद्धालुओं ने भाग लिया।



श्रद्धालुओं ने पवित्र सिंधु नदी में स्नान कर अपने जीवन को धन्य माना। यात्रा के दौरान बर्फबारी और प्रकृति के अनुपम दृश्यों ने श्रद्धालुओं के अनुभव को और भी अविस्मरणीय बना दिया।यात्रा के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि श्री चंद्रकांत जी ने कहा कि यह यात्रा पिछले 29 वर्षों से निरंतर आयोजित हो रही है और आज यह एक वटवृक्ष के रूप में स्थापित हो चुकी है।
उन्होंने श्रद्धेय लालकृष्ण आडवाणी जी द्वारा इस यात्रा की आरंभिक पहल को याद किया।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आनुषांगिक संगठन के रूप में कार्यरत भारतीय सिंधु सभा राजस्थान भर में हेमू कालानी जयंती, सिंधु सम्राट दाहिरसेन जयंती, बाल संस्कार शिविर जैसे विविध कार्यक्रमों का आयोजन करती है, जिनमें सिंधु दर्शन यात्रा प्रमुख है।इस सफल आयोजन के पीछे कर्मठ कार्यकर्ताओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
सेवा कार्यों के लिए सेवादारों को सम्मानित किया गया, जिनमें बीकानेर संभाग से पत्रकार कुमार आहूजा को भी दुपट्टा ओढ़ाकर और मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया।सिंधु सभा की प्रदेश इकाई ने समस्त सेवादारों और सहभागियों का हार्दिक अभिनंदन करते हुए उनका आभार व्यक्त किया है। अंत में श्रद्धालुओं से आह्वान किया गया कि वे अपने-अपने राज्यों में इस यात्रा के अनुभव को साझा कर अधिक से अधिक लोगों को प्रेरित करें।सिंधु मैया और परमात्मा की कृपा से यह यात्रा निर्विघ्न पूर्ण हुई।