जिले में नशा रोकने के लिए चैन सिस्टम तोड़ना जरूरी – एडीएम सिटी रमेश देव
नशा मुक्त भारत अभियान को लेकर कलेक्ट्रेट सभागार में हुई समन्वय बैठक
बीकानेर। एडीएम सिटी रमेश देव ने कहा है कि जिले में नशा रोकने के लिए इसके चैन सिस्टम को तोड़ना जरूरी है। उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों और सामाजिक संस्थाओं को आपसी समन्वय के साथ साझा प्रयास करने होंगे, ताकि युवाओं और अन्य लोगों को नशे की गिरफ्त में आने से बचाया जा सके।वे शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभागार में नार्को कॉर्डिनेशन और नशा मुक्त भारत अभियान को लेकर आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे।



उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति नशा करता या बेचता हुआ नजर आए, तो इसकी शिकायत पुलिस के व्हाट्सएप नंबर 95304 14947 पर की जा सकती है। पुलिस सख्त कार्रवाई करेगी और शिकायतकर्ता की पहचान गोपनीय रखी जाएगी।
उन्होंने सुझाव दिया कि नशे के खिलाफ बड़े स्तर पर जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। रविन्द्र रंगमंच पर सामाजिक संगठनों, पार्षदों, सरपंचों, सीएलजी सदस्य, मोहल्ला समितियों, एनजीओ, महिला एवं बाल विकास, चिकित्सा, शिक्षा और पुलिस विभाग के प्रतिनिधियों को एक मंच पर लाकर व्यापक अभियान चलाया जा सकता है।
देव ने जिले के एफएम रेडियो और न्यूज़ पोर्टलों से आग्रह किया कि वे सामाजिक सरोकारों के तहत पुलिस द्वारा जारी नशा विरोधी व्हाट्सएप नंबर और पोस्टरों का निशुल्क प्रचार-प्रसार करें। उन्होंने जेलों में भी नशे के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाने की बात कही।आईबी अधिकारी विक्रम झाला ने सुझाव दिया कि ऑटो रिक्शा चालक भी नशे की रोकथाम में सहयोगी बन सकते हैं। रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, पब्लिक टॉयलेट और थानों के बाहर नशा विरोधी पंपलेट चिपकाकर सूचना दी जाए। जिन क्षेत्रों में चोरी की घटनाएं अधिक हैं, वहां गश्त बढ़ाकर कार्रवाई की जाए।
डिप्टी सीएमएचओ लोकेश गुप्ता ने बताया कि मई माह में नशे के खिलाफ 29 चालान किए गए हैं। मनोचिकित्सक कन्हैया कच्छावा ने नशे की रोकथाम को लेकर उनके द्वारा चलाए जा रहे अभियान की जानकारी दी।बैठक में डीआईजी जेल सुमन मालीवाल, बीएसएफ से महेश चंद जाट, सीडीईओ महेन्द्र कुमार शर्मा, सहायक ड्रग कंट्रोलर देवेंद्र केदावत, डॉ. सिद्धार्थ, डॉ. ज्योति चौधरी, डॉ. अंशुमान जैन, आयुष विभाग से प्रभुदयाल जाट, नशा मुक्ति एनजीओ से रामकिशोर सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।