आस्था व विश्वास से ही भगवत प्राप्ति सम्भव – श्रीधर महाराज
“God Realization is Possible Only Through Faith and Belief – Sridhar Ji”
बीकानेर। देवीकुंड सागर स्थित कल्ला कोठी में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के छठवें दिन श्रीकृष्ण-रुक्मिणी विवाह प्रसंग सुनकर भक्त भावविभोर हो गए।
कैलाश आचार्य ने बताया कि करपात्री स्वामी निरंजन देव तीर्थ कीर्ति प्रन्यास, राम लक्ष्मण भजनाश्रम के अधिष्ठाता दंडी स्वामी श्रीधरानंद जी सरस्वती ने कथा में पंच अध्याय का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि महारास में पांच अध्याय होते हैं और उनमें गाए जाने वाले पंच गीत, भागवत के पंच प्राण माने जाते हैं। जो भी ठाकुरजी के इन पांच गीतों को भावपूर्वक गाता है, वह भवसागर पार कर जाता है और उसे वृंदावन की भक्ति सहज ही प्राप्त हो जाती है।


महाराज ने कथा में भगवान श्रीकृष्ण के मथुरा प्रस्थान, कंस वध, महर्षि संदीपनी के आश्रम में विद्या ग्रहण, उद्धव-गोपी संवाद, द्वारका की स्थापना और रुक्मिणी विवाह का भावपूर्ण पाठ किया। श्रीधर जी महाराज ने कहा कि आस्था और विश्वास के बिना भगवत प्राप्ति संभव नहीं है। इसके लिए निश्चय और परिश्रम भी आवश्यक हैं।
कैलाश आचार्य ने बताया कि कृष्ण रासलीला के पांचवें दिन नानी बाई का मायरा, भगवान श्रीकृष्ण की गोपियों संग रासलीला और इसके बाद माखनचोरी का भावपूर्ण मंचन वृंदावन के कलाकारों द्वारा किया गया।