“बालक ही भविष्य है” – कीर्तिशेष लक्ष्मीनारायण रंगा की स्मृति में समारोह का शुभारंभ
बीकानेर। प्रज्ञालय संस्थान एवं श्रीमती कमला देवी-लक्ष्मीनारायण रंगा ट्रस्ट द्वारा आयोजित चार दिवसीय समारोह ‘सृजन सौरभ – हमारे बाऊजी’ का शुभारंभ ख्यातनाम साहित्यकार, चिंतक एवं रंगकर्मी कीर्तिशेष लक्ष्मीनारायण रंगा की दूसरी पुण्यतिथि पर हुआ। कार्यक्रम का पहला दिन उनके साहित्य सृजन को समर्पित रहा।
वरिष्ठ साहित्यकार कमल रंगा ने बताया कि प्रातः 11 बजे लक्ष्मीनारायण रंगा के तीन नाटकों, दो ग़ज़ल संग्रह एवं एक निबंध संग्रह का लोकार्पण किया गया। विशेष पहल के तहत यह लोकार्पण लक्ष्मीनारायण रंगा सृजन-सदन में बालक-बालिकाओं द्वारा संपन्न हुआ। इस अनूठी पहल में मानसी व्यास, नंद गोपाल पुरोहित, कृतिका रंगा, पुलकित व्यास, हर्षिता रंगा एवं तेजेश आचार्य ने पुस्तकों का विमोचन किया।
इस अवसर पर उपस्थित शिष्यों एवं साहित्य प्रेमियों ने कीर्तिशेष रंगा को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वह सदैव उनके प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे। वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गौरीशंकर प्रजापत ने उनकी कृतियों पर आलोचनात्मक व्याख्या प्रस्तुत करते हुए कहा कि रंगा जी का साहित्य समाज को नई दृष्टि प्रदान करता है और मानवीय संवेदनाओं को गहराई से व्यक्त करता है। उन्होंने बताया कि रंगा जी की कुल 175 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, जो अपने आप में एक अद्भुत कीर्तिमान है।
वरिष्ठ शिक्षाविद् राजेश रंगा ने समारोह की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कीर्तिशेष रंगा का विचार “बालक ही भविष्य है” आज भी प्रासंगिक है। इसी सोच के तहत उनकी नवीनतम छह पुस्तकों का बालक-बालिकाओं द्वारा लोकार्पण किया गया, जो एक प्रेरणादायक पहल है।
एडवोकेट विजयगोपाल पुरोहित ने लक्ष्मीनारायण रंगा के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर चर्चा करते हुए उनके विचारों को आत्मसात करने का आह्वान किया।
कार्यक्रम में गिरिराज पारीक, प्रेम नारायण व्यास, मुनेन्द्र अग्निहोत्री, जितेन्द्र मोदी, कृष्णचंद्र पुरोहित, हरिनारायण आचार्य, आनंद छंगाणी, अशोक सैनी ‘पप्पू’, कालूराम सुथार, डॉ. फारूख चौहान, उमेश सिंह, प्रीति राजपूत, हेमलता व्यास, अरूण जे. व्यास, अंजू राव, बबीता पुरोहित, अलका रंगा, कुसुम किराडू, चन्द्रकला, सीमा पालीवाल, सीमा स्वामी, ममता व्यास, मीनाक्षी व्यास, आशीष रंगा, राजकुमार सुथार, रेखा वैष्णव, दुर्गा रंगा, मनमोहन सुथार, मुकेश स्वामी, मुकेश देराश्री, मीनू कल्ला, राजेश ओझा, अविनाश ओझा, अंजू भादाणी, इंदूबाला व्यास, घनश्याम ओझा, किरण व्यास, राजकुमारी व्यास, नवरतन उपाध्याय, वंदना व्यास, रमेश हर्ष, अविनाश व्यास, कुसुमलता जोशी, पूनम स्वामी, दीपिका राजपूत, किशोर जोशी, विजय गोपाल पुरोहित, श्रीकिशन उपाध्याय, आलोक जोशी, सुनील व्यास, दिनेश व्यास, महावीर स्वामी, भवानी सिंह, अशोक शर्मा, गिरधर गोपाल, मुकेश तंवर, तोलाराम सारण, अख्तर अली, कार्तिक मोदी सहित सैकड़ों गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन युवा संस्कृतिकर्मी हरिनारायण आचार्य ने किया। अंत में वरिष्ठ इतिहासकार डॉ. फारूख चौहान ने सभी को अगले दिन आयोजित श्रद्धांजलि सभा में भाग लेने हेतु आमंत्रित करते हुए आभार व्यक्त किया।

