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ईएसडीएम स्किल कॉन्क्लेव 2025: कौशल विकास में शोध संस्थानों की भूमिका पर जोर

पिलानी, 19 फरवरी। सीएसआईआर-सीरी, पिलानी में ईएसडीएम स्किल कॉन्क्लेव 2025 का भव्य आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े मुख्य अतिथि रहे और उन्होंने कौशल विकास में शोध संस्थानों और विश्वविद्यालयों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।

राज्यपाल ने नई शिक्षा नीति और भारतीय वेदों की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत में प्रतिभाओं की कमी नहीं है, बल्कि उनके कौशल को निखारने की जरूरत है। उन्होंने वैदिक साहित्य और सनातन संस्कृति के महत्व को भी रेखांकित किया।

सीएसआईआर-सीरी, पिलानी के निदेशक डॉ. पी.सी. पंचारिया ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की और संस्थान की शोध गतिविधियों पर प्रकाश डाला। विज्ञान भारती-राजस्थान के सचिव डॉ. मेघेन्द्र शर्मा ने आयोजन की रूपरेखा और उद्देश्यों की जानकारी दी।

इस अवसर पर “विज्ञान की जीवन धारा” मूर्ति का अनावरण किया गया, जो वैज्ञानिक अनुसंधान और नवाचारों का प्रतीक है। इसके अलावा, इलेक्ट्रॉनिक साइंस गैलरी और सेमीकंडक्टर प्रयोगशाला का अवलोकन भी किया गया।

एक महत्वपूर्ण पहल के तहत, “एफ़ोर्डेबल पीसीआर” तकनीक का सफलतापूर्वक हस्तांतरण क्राफ्टज़ाइम्स बायोटेक प्रा. लि., कोयंबटूर के संस्थापक एवं निदेशक डॉ. श्रीधरन. जे को किया गया। यह तकनीक स्वास्थ्य परीक्षण को अधिक सुलभ और किफायती बनाएगी।

कार्यक्रम में औद्योगिक क्षेत्र के विशेषज्ञों, नीति निर्माताओं, शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं ने भाग लिया और भारत के ईएसडीएम क्षेत्र के विकास की संभावनाओं पर विचार-विमर्श किया। इस अवसर पर जिला कलेक्टर रामावतार मीणा, एसपी शरद चौधरी समेत वैज्ञानिक एवं गणमान्य जन उपस्थित रहे।

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