बीकानेर में दूध कारोबार का काला सच
561 में से सिर्फ 81 सैंपल पास, बाकी में मिलावट
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बीकानेर। बीकानेर में उरमूल डेयरी के दूध जांच अभियान में सफेद दूध कारोबार का काला सच सामने आ रहा है। लगातार चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। अब ग्राहक भी अभियान को जारी रखने की मांग कर रहे हैं। ऐसे में आमजन की मांग पर उरमूल डेयरी ने अपने निःशुल्क दूध जांच अभियान की तिथि को 20 फरवरी तक बढ़ा दिया है। यह अभियान राजस्थान कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन लि. (आरसीडीएफ), जयपुर के निर्देशानुसार उरमूल डेयरी, बीकानेर के विपणन एवं गुण नियंत्रण विभाग के संयुक्त तत्वावधान में संचालित किया जा रहा है।
जांच शिविर में मिल रही गंभीर मिलावट
अभियान के अंतर्गत उपभोक्ताओं के घर आने वाले खुले दूध की शुद्धता की जांच मशीनों एवं जांच किट स्ट्रिप्स से की जाती है, जिसका परिणाम मौके पर ही उपलब्ध कराया जाता है। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के विषय विशेषज्ञ शुभम गुलाटी उपभोक्ताओं को मिलावटी दूध के सेवन से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में जागरूक कर रहे हैं।
561 में से सिर्फ 81 सैंपल पास, बाकी में मिलावट
उरमूल डेयरी के एमडी बाबूलाल बिश्नोई ने बताया कि अब तक 561 दूध सैंपल जांचे गए, जिनमें से मात्र 81 सैंपल शुद्ध पाए गए। बाकी सैंपलों में बड़ी मात्रा में पानी की मिलावट के अलावा आरारोट, यूरिया, शैम्पू, सर्फ और अन्य हानिकारक केमिकल्स पाए गए।
अगला जांच शिविर वृंदावन कॉलोनी में
ग्राम पंचायत उदासर आर्मी गेट के सामने स्थित डेयरी बूथ पर शिविर आयोजित किया गया, जिसमें बूथ संचालक ने भी सहयोग दिया। उरमूल डेयरी द्वारा उपभोक्ताओं को दूध जांच कराने पर फ्री गिफ्ट हैम्पर, कैमल मिल्क और कैमल बिस्कुट के नमूने दिए जा रहे हैं।
स्थानीय उपभोक्ताओं ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह की जांच नियमित रूप से होनी चाहिए, जिससे डोर-टू-डोर दूध की गुणवत्ता की निगरानी की जा सके।