स्व. वैद्य महावीर प्रसाद शर्मा की छठी पुण्यतिथि: प्राकृतिक चिकित्सा के प्रति समर्पण को दी गई श्रद्धांजलि
बीकानेर। प्रकृति को पोषित एवं पल्लवित करना हम सबका धर्म है, क्योंकि प्रकृति ही सभी रोगों की एकमात्र दवा है, जिससे हमारा सम्पूर्ण जीवन एवं शरीर स्वस्थ रह सकता है। यह विचार आज राजस्थान प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्र, गंगाशहर में स्व. वैद्य महावीर प्रसाद शर्मा की छठी पुण्यतिथि पर भारतीय जनता पार्टी बीकानेर जिला प्रभारी एवं झुंझुनू के पूर्व जिला अध्यक्ष डॉ. दशरथ सिंह शेखावत ने पुष्पांजलि अर्पित करते हुए व्यक्त किए।

डॉ. दशरथ सिंह शेखावत ने कहा कि स्व. वैद्य शर्मा ने अपना सम्पूर्ण जीवन योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा के माध्यम से मानव जीवन को सुरक्षित करने में समर्पित किया। उन्होंने चिकित्सालय को एक विशाल वटवृक्ष के रूप में विकसित किया, जिसे संरक्षित रखना हम सभी का कर्तव्य है और यही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
संस्था मंत्री बनवारी लाल शर्मा ने पुष्पांजलि अर्पित करते हुए कहा कि दीर्घ जीवन का आधार केवल योग एवं प्रकृति है। वैद्य महावीर प्रसाद शर्मा ने 96 वर्ष की आयु तक केवल योग व प्राकृतिक चिकित्सा पर आधारित जीवन जीया। वे प्राकृतिक चिकित्सा के जीते-जागते उदाहरण थे और अपने जीवनकाल में कभी अन्य दवाओं का प्रयोग नहीं किया।
वैद्य शर्मा का संस्थान जनसेवा के लिए समर्पित है, जो न केवल बीकानेर बल्कि पूरे भारत में अपनी अमिट छाप छोड़ चुका है। उन्होंने दमा एवं अन्य रोगों के उपचार में कीर्तिमान स्थापित किए।
इस अवसर पर संस्थान परिसर में हारसिंगार और अशोक के वृक्ष लगाकर श्रद्धासुमन अर्पित किए गए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. दशरथ सिंह शेखावत थे।
संस्था मंत्री बनवारी लाल शर्मा ने बताया कि चिकित्सा अधिकारी डॉ. वत्सला गुप्ता, वरिष्ठ उपचारक महावीर उपाध्याय, कविता सुथार, कुनाल तंवर, शंकर लाल माली, अर्जुन भार्गव आदि ने भी पुष्पांजलि अर्पित कर अपनी भूमिका निभाई।