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रीको बीकानेर के अधिकारियों पर मानहानि का मुकदमा



क्या नारायण दास तुलसानी के सात करोड़ पचास लाख की मांग से हिलेगा प्रशासनिक तंत्र?

बीकानेर।  बीकानेर के प्रतिष्ठित उद्यमी नारायण दास तुलसानी ने रीको लि. बीकानेर के वरिष्ठ उपमहाप्रबन्धक सुनिल कुमार गर्ग और अन्य अधिकारियों के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर कर प्रशासनिक हलकों में हलचल मचा दी है। मुकदमा संख्या 31/2025 के तहत यह मामला जिला एवं सेशन न्यायालय, बीकानेर में विचाराधीन है।



तुलसानी, जो शुगर कैंडी निर्माण के क्षेत्र में 1985 से सक्रिय हैं, ने आरोप लगाया है कि रीको के अधिकारियों ने उनके खिलाफ झूठे और अपमानजनक आरोप लगाकर उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल करने की कोशिश की। उनका कहना है कि इन आरोपों के चलते उनकी कंपनी की वेल्थ और गुडविल को भारी नुकसान पहुँचा है।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि औद्योगिक भूखंडों के आवंटन के बाद आवश्यक निर्माण अनुमतियाँ जानबूझकर नहीं दी गईं, जिससे उनके व्यवसाय को नुकसान हुआ। इसके बावजूद, उनके खिलाफ अपमानजनक भाषा का प्रयोग करते हुए पत्र जारी किए गए और इन पत्रों को विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी संस्थानों में भेजा गया, जिससे उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा को ठेस पहुँची।



तुलसानी ने कहा कि उनके खिलाफ झूठे आरोपों को समाचार पत्रों और ऑनलाइन पोर्टलों पर भी प्रकाशित करवाया गया, जिससे उनकी छवि को गंभीर नुकसान पहुँचा। इसके चलते उन्होंने सात करोड़ पचास लाख रुपये की क्षतिपूर्ति की मांग की है।



तुलसानी की ओर से अधिवक्ता कमल नारायण पुरोहित, बीकानेर, ने न्यायालय में पैरवी की है। अब देखना यह है कि यह मुकदमा प्रशासनिक तंत्र को किस हद तक झकझोरता है और तुलसानी की छवि को वापस बहाल कर पाता है या नहीं।

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