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रेलवे बजट 2025: संरक्षा, अधोसंरचना और आधुनिकीकरण को मिलेगी नई गति



*उत्तर पश्चिम रेलवे को मिलेगी मजबूती, यात्री सुविधाओं में होगा विस्तार*

*साथ ही पढ़ें ट्रेफिक ब्लॉक के कारण रद्द रहेगी ये ट्रेनें*

बीकानेर। भारतीय रेलवे के लिए वर्ष 2025-26 का बजट रेलवे के आधुनिकीकरण, संरक्षा और अधोसंरचना विकास को नई दिशा देने वाला साबित होगा। 1 फरवरी 2025 को प्रस्तुत बजट में रेलवे को ₹2,52,000 करोड़ का आवंटन किया गया, जो पिछले वर्षों की तुलना में एक महत्वपूर्ण बढ़ोतरी है। सरकार ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि रेलवे विकास को प्राथमिकता देते हुए यात्रियों की सुरक्षा और सुविधाओं को उन्नत किया जाएगा।

बढ़ेगा रेलवे नेटवर्क, मिलेगी नई ट्रेनों की सौगात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की दूरदर्शिता में रेलवे का निरंतर विस्तार हो रहा है। इस वर्ष का बजट जम्मू-कश्मीर को भारतीय रेलवे नेटवर्क से जोड़ने और तमिलनाडु में पंबन पुल के पुनर्निर्माण जैसी ऐतिहासिक परियोजनाओं को समर्पित किया गया है। पंबन चैनल पर नया पुल एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो रामेश्वरम को फिर से भारतीय रेलवे नेटवर्क से जोड़ता है।

सरकार ने भारतीय रेल में संरक्षा, विद्युतीकरण और नेटवर्क विस्तार पर जोर दिया है। वर्ष 2025-26 में कुल पूंजीगत व्यय (CAPEX) ₹2,65,200 करोड़ निर्धारित किया गया है। पिछले 11 वर्षों में जितनी रेल लाइनों का निर्माण उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, महाराष्ट्र और बिहार में हुआ है, वह स्विट्जरलैंड, मलेशिया और बेल्जियम जैसे देशों के कुल रेलवे नेटवर्क से अधिक है।

उत्तर पश्चिम रेलवे को मिलेगा बड़ा बजट

वर्ष 2024-25 में उत्तर पश्चिम रेलवे को ₹8,859 करोड़ का बजट मिला था, जिसमें संरक्षा, अधोसंरचना विस्तार और यात्री सुविधाओं को मजबूत करने पर ध्यान दिया गया। वर्तमान में उत्तर पश्चिम रेलवे पर ₹22,000 करोड़ की लागत से 1,446 किमी नई लाइन, दोहरीकरण और गेज परिवर्तन के कार्य प्रगति पर हैं।

तारंगा हिल-आबू रोड वाया अंबाजी जैसी बहुप्रतीक्षित परियोजनाओं को लगभग ₹2,800 करोड़ की लागत से स्वीकृति मिली है, जिसमें गत वर्ष ₹400 करोड़ का बजट दिया गया था। वहीं, 967 करोड़ रुपए की लागत से एक डेडीकेटेड टेस्ट ट्रैक का निर्माण हो रहा है, जिसके 35 किलोमीटर का कार्य पूरा कर लिया गया है और दिसंबर 2025 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य है।

नए क्षेत्रों को रेल नेटवर्क से जोड़ने के लिए पुष्कर-मेड़ता, रास-मेड़ता सिटी और रींगस-खाटूश्यामजी नई लाइनों का कार्य किया जा रहा है। जयपुर-सवाई माधोपुर, लूनी-समदड़ी-भीलड़ी और अजमेर-चंदेरिया जैसे मार्गों पर भी ट्रेनों के सुगम संचालन हेतु कार्य प्रगति पर हैं। उत्तर पश्चिम रेलवे पर ₹7,700 करोड़ की लागत से 570 किमी नई लाइन और दोहरीकरण परियोजनाएं स्वीकृति के विभिन्न चरणों में हैं।

अमृत भारत स्टेशन योजना से बदलेगा रेलवे का स्वरूप

रेलवे द्वारा स्टेशनों को अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त करने के लिए उत्तर पश्चिम रेलवे के 77 स्टेशनों को पुनर्विकास किया जा रहा है, जिसमें ₹4,500 करोड़ से अधिक का निवेश किया गया है। इस योजना के तहत स्टेशनों को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा, जिससे यात्रियों को बेहतर अनुभव मिलेगा।

तेज गति से बढ़ रहा रेलवे विद्युतीकरण

उत्तर पश्चिम रेलवे में अब तक 97% यानी लगभग 5,400 किलोमीटर रेलमार्ग का विद्युतीकरण पूरा किया जा चुका है। 190 जोड़ी यात्री ट्रेनों का संचालन इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन पर किया जा रहा है। पालनपुर-अजमेर-जयपुर-रेवाड़ी मुख्य मार्ग को 130 किमी प्रति घंटे की गति के लिए उन्नत किया गया है, जिससे यात्रियों को तेज और सुरक्षित यात्रा का अनुभव मिलेगा।

संरक्षा को प्राथमिकता, कवच प्रणाली का विस्तार

भारतीय रेल में संरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए ऑटोमैटिक सिग्नल प्रणाली की स्थापना की जा रही है। उत्तर पश्चिम रेलवे में 128 किलोमीटर में से 64 किलोमीटर रेलमार्ग पर यह प्रणाली लागू हो चुकी है, जबकि 829 किलोमीटर में यह कार्य स्वीकृत किया जा चुका है। इसके अलावा, 1,586 किलोमीटर रेलमार्ग पर स्वदेशी टक्कररोधी प्रणाली ‘कवच’ लगाने के लिए ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने का कार्य जारी है।

वंदे भारत और अमृत भारत ट्रेनों का होगा विस्तार

वंदे भारत एक्सप्रेस की अपार लोकप्रियता को देखते हुए रेलवे ने वंदे स्लीपर ट्रेनें बनाने का निर्णय लिया है। पहला वंदे स्लीपर रेक तैयार हो चुका है और परीक्षण के बाद इसे यात्रियों के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। वित्त वर्ष 2025-27 में कुल 50 वंदे स्लीपर ट्रेनें बनाई जाएंगी। इसके अलावा, रेलवे 100 गैर-एसी अमृत भारत ट्रेनों का निर्माण भी कर रहा है, जिससे आम यात्रियों को राहत मिलेगी।

टेक्नोलॉजी से रेलवे का होगा कायाकल्प

भारतीय रेल अपनी तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के साथ ही दीर्घकालिक परियोजनाओं पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है। रेलवे ने टेक्नोलॉजी के उपयोग से परिचालन को अधिक सुरक्षित और कुशल बनाने का प्रयास किया है। इस बजट से रेलवे को दीर्घकालिक परियोजनाओं के लिए पर्याप्त राशि मिलेगी, जिससे रेलवे की गति को नई शक्ति प्राप्त होगी।

रेल बजट 2025 के प्रावधान रेलवे को संरक्षा, अधोसंरचना और आधुनिकीकरण के नए पथ पर आगे ले जाएंगे। यह बजट न केवल रेलवे के विकास को गति देगा, बल्कि यात्रियों के लिए भी सुविधाओं में सुधार का मार्ग प्रशस्त करेगा।

ट्रेफिक ब्लॉक के कारण रेल यातायात प्रभावित
रेलसेवाएं रद्द/आंशिक रद्द/रीशड्यूल रहेगी

उत्तर रेलवे द्वारा अम्बाला मण्डल के बठिण्डा-श्रीगंगानगर रेलखण्ड पर बठिण्डा-बुलूआना स्टेशनों के मध्य ब्रिज संख्या 1 पर तकनीकी कार्य हेतु ट्रेफिक ब्लॉक लिया जा रहा है। इस कार्य हेतु रेल यातायात प्रभावित रहेगा।

उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण के अनुसार उपरोक्त कार्य के कारण उत्तर पश्चिम रेलवे पर संचालित निम्न रेलसेवाएं प्रभावित रहेगी:-

रद्द रेलसेवाएं (प्रारम्भिक स्टेशन से)

  1. गाडी संख्या 54754, श्रीगंगानगर-बठिण्डा रेलसेवा दिनांक 07.02.25 को रद्द रहेगी।
  2. गाडी संख्या 54753, बठिण्डा-श्रीगंगानगर रेलसेवा दिनांक 07.02.25 को रद्द रहेगी।

आंशिक रद्द रेलसेवाऐं (प्रारम्भिक स्टेशन से)

  1. गाडी संख्या 14736, अम्बाला-श्रीगंगानगर एक्सप्रेस रेलसेवा जो दिनांक 07.02.25 को अम्बाला से प्रस्थान करेगी बठिण्डा तक संचालित होगी अर्थात् यह रेलसेवा बठिण्डा-श्रीगंगानगर के मध्य आंशिक रद्द रहेगी।

रीशड्यूल रेलसेवाएं (प्रारम्भिक स्टेशन से)

  1. गाडी संख्या 14735, श्रीगंगानगर-अम्बाला रेलसेवा दिनांक 07.02.25 को श्रीगंगानगर से अपने निर्धारित समय से 01 घंटे देरी से प्रस्थान करेगी।

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