अपने ही विभाग के कार्मिकों की नहीं सुन रहा शिक्षा निदेशालय तो…
मंत्रालयिक संवर्ग की डीपीसी एवं काउंसलिंग की मांग पर 15वें दिन भी जारी रहा शिक्षा विभागीय कर्मचारियों का धरना
बीकानेर। शिक्षा निदेशालय अपने ही विभाग के मुख्यालय के कार्मिकों की सुनवाई नहीं कर रहा तो अन्य जिलों से आने वाले कार्मिक तो उम्मीद नहीं कर सकते । विभाग के अड़ियल रवैये के चलते प्रदेश की बहुमूल्य मैनपावर का दुरुपयोग हो रहा है । जो समय सरकारी फाइलों का निपटान करने का है वह सड़क पर जाया हो रहा है । मंत्रालयिक कार्मिकों को न्याय दिलाने के बजाय उन्हें धरना देने के लिए विवश किया जा रहा है । शिक्षा विभागीय कर्मचारी संघ राजस्थान, बीकानेर के नेतृत्व में मंत्रालयिक संवर्ग की डीपीसी और पदस्थापन के लिए ऑनलाइन काउंसलिंग की मांग को लेकर चल रहा अनिश्चितकालीन धरना सोमवार, 18 नवंबर 2024 को 15वें दिन भी जारी रहा।
संघ के प्रदेशाध्यक्ष कमल नारायण आचार्य और संस्थापक मदन मोहन व्यास के नेतृत्व में धरने के दौरान कर्मचारियों ने राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और शिक्षा सचिव को ईमेल और ज्ञापन के माध्यम से अपनी मांगें दोहराईं।
मांगें और आंदोलन की प्रमुख बातें:
प्रदेशाध्यक्ष आचार्य ने बताया कि संघ की प्रमुख मांगों में 01 अप्रैल 2017 और 01 अप्रैल 2023 के संशोधित कैडर रिव्यू के आधार पर डीपीसी आयोजित करना, लोक सेवा आयोग 1986 के चयनित कर्मचारियों और तीन संतान मामलों में न्यायालय के आदेशों की अनदेखी की जांच कराना, पंचायत राज से आए कार्मिकों और दिव्यांग कर्मचारियों के प्रकरणों का निस्तारण करना, और 2023-24 की रिव्यू डीपीसी के बाद 2024-25 की नियमित डीपीसी आयोजित करना शामिल है। इसके साथ ही, पदस्थापन प्रक्रिया को ऑनलाइन काउंसलिंग के माध्यम से संपन्न करने की भी मांग की गई है।
धरने पर उपस्थित प्रमुख कर्मचारियों और नेताओं में प्रदेशाध्यक्ष कमल नारायण आचार्य, प्रदेश संस्थापक मदन मोहन व्यास, जफर इकबाल, सरित कुमार अरोड़ा, महेश कुमार स्वामी, चेतन पंवार, शाहिद हसन, अजय गोदारा, रविंद्र प्रताप सिंह, विक्रम गुर्जर, नवनीत सिंह यादव (जिलाध्यक्ष खैरथल-तिजारा), प्रमिला देवी, राजेश व्यास, रमेश कुमार शर्मा, सोम प्रकाश आचार्य, नारायण मोदी, लक्ष्मीनारायण बाबा, विजय कुमार, विष्णुदत्त पुरोहित, जेसराज भाटी, इंद्र पारीक, शिवप्रकाश, महावीर गुर्जर, नारायण दास रंगा, जितेंद्र गहलोत (प्रदेश महामंत्री महासंघ स्वतंत्र), सोम प्रकाश व्यास और रविंद्र व्यास (कर्मचारी नेता बीमा एवं प्रावधायी निधि, बीकानेर) शामिल रहे।
आंदोलनकारियों ने स्पष्ट किया कि यदि 18 नवंबर तक उनकी मांगों पर सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया, तो आगामी आंदोलन के चरण की घोषणा की जाएगी।