Bikaner

ऑनलाइन लाइसेंस प्रणाली पर असुविधा: भारतीय राष्ट्रीय ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फेडरेशन की ऑफलाइन प्रणाली की मांग

बीकानेर। केंद्र सरकार द्वारा चालकों के लिए ऑनलाइन लाइसेंस प्रणाली लागू करने के बाद अब लाइसेंस केवल डिजिटल माध्यम से ही जारी किए जा रहे हैं। इस नई प्रणाली के तहत लाइसेंस सीधे चालक के मोबाइल फोन पर भेजा जाता है, जिससे स्मार्टफोन की अनुपलब्धता वाले लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसी समस्या को हल करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फेडरेशन (इंटक) ने ऑफलाइन लाइसेंस प्रणाली की मांग उठाई है।

संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हेमंत किराड़ू और समीर खान ने इस मुद्दे पर कहा कि देश में बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जो तकनीकी रूप से स्मार्टफोन का उपयोग नहीं कर सकते हैं, जैसे श्रमिक, ऑटो चालक, जीप चालक, और ट्रक चालक। इन्होंने कहा कि पहले लाइसेंस आरटीओ द्वारा जारी होते थे और इस प्रक्रिया में किसी भी तकनीकी ज्ञान की आवश्यकता नहीं होती थी। अब स्मार्टफोन पर भेजे जाने से बिना स्मार्टफोन वाले या तकनीकी ज्ञान न रखने वालों के लिए यह परेशानी का कारण बन गया है।

पत्र में उन्होंने यह भी उल्लेख किया है कि पहले आठवीं पास लोगों को व्यवसायिक लाइसेंस जारी किया जाता था, लेकिन अब सरकार ने इस अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है। इसके अलावा, पहले ऑटो रिक्शा का लाइसेंस अलग से बनता था, लेकिन अब इसे लाइट मोटर व्हीकल और मोटरसाइकिल लाइसेंस के अंतर्गत कर दिया गया है।

संगठन ने महामहिम राष्ट्रपति और केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखकर मांग की है कि इस लाइसेंस प्रक्रिया को फिर से ऑफलाइन किया जाए। साथ ही चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो वे देश और प्रदेश में आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे।

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