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नालंदा स्कूल सृजन सदन में हुआ भगवान गणेश की मूर्ति का सृजन और श्रृंगार


बीकानेर। नत्थूसर गेट स्थित नालंदा पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल के सृजन सदन में आज 121 से अधिक बच्चों ने अपने नन्हें हाथों से मिट्टी और गोबर से ईको-फ्रेंडली भगवान गणेश की मूर्तियों का सृजन और श्रृंगार कर एक भव्य प्रतियोगिता का आयोजन किया। यह आयोजन करूणा क्लब इकाई द्वारा आयोजित किया गया, जिसमें बच्चों ने पर्यावरण के अनुकूल मूर्तियां बनाकर समाज को एक महत्वपूर्ण संदेश दिया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार कमल रंगा ने बच्चों के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह की कला का निर्माण वर्तमान समय की महती आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम बच्चों को आध्यात्मिकता और प्रकृति से जोड़ने के साथ-साथ समाज को एक नई दिशा प्रदान करता है, जिससे समाज का हर वर्ग अपने त्योहारों को सरल और पर्यावरण-संवेदनशील तरीके से मना सकता है।

शाला प्राचार्य राजेश रंगा ने इस अवसर पर कहा कि इस प्रकार की मूर्तियों के उपयोग से गणेश विसर्जन के लिए तालाब या नदी की आवश्यकता नहीं रहती। अब लोग इन मूर्तियों का विसर्जन अपने घरों के बाग-बगीचों या गमलों में कर सकते हैं, जिससे पर्यावरण संतुलित रहेगा। उन्होंने बाजार में मिलने वाली केमिकल युक्त मूर्तियों से होने वाले जल प्रदूषण के खतरे पर भी चिंता जताई और बच्चों द्वारा बनाई गई मूर्तियों की प्रशंसा की, जिन्हें उन्होंने बाजार में मिलने वाली मूर्तियों से कहीं बेहतर बताया।

कार्यक्रम के दौरान करूणा क्लब प्रभारी हरिनारायण आचार्य ने प्रथम, द्वितीय, तृतीय सहित सभी प्रतिभागियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन करूणा क्लब सहप्रभारी आशीष रंगा ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रभारी हेमलता व्यास ने किया।

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