BikanerBusinessExclusiveSociety

राजस्थान गो आधारित कई कार्यों में देश में सबसे आगे : कथिरिया

0
(0)

राजस्थान से हो रहा है गोबर गो मूत्र का निर्यात

बीकानेर। गो आधारित वैश्विक निवेश ( gcci ) की राजस्थान इकाई का सम्मेलन में जीसीसीआई के संस्थापक अध्यक्ष डा. वल्लभ भाई कथिरिया ने कहा कि राजस्थान गो उद्यमिता और विकास के कई क्षेत्र में देश में सबसे आगे है। गोबर गो मूत्र का निर्यात भी राजस्थान से ही हो रहा है। गोचर संरक्षण और विकास की आवाज भी राजस्थान से ही बुलंद हुई है। उन्होंने कहा की जीसीसीआई एक अंब्रेला के रूप में सभी कार्य सरकार संस्थाओं के साथ मिलकर करेगी। इसकी राज्य और जिला स्तर पर इकाइयां बनाई जाएगी।

उन्होंने जीसीसीआई के पूरे विजन और मिशन की जानकारी दी। इस मौके पर संवित स्वामी विमर्शानंद ने गाय को धरती का रूप बताते हुए गाय, प्रकृति, बुद्धि, भावना आदि से जोड़कर सूक्ष्म व्याख्या की।
पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी ने गाय, गोचर, परंपरा पर विस्तार से बात कही। उन्होंने जीसीसीआई के साथ मिलकर गोचर संरक्षण के मुद्दे पर राष्ट्रीय स्तर पर काम करने का संकल्प जताया। प्रो. हेमंत दाधीच ने जीसीसीआई को समय की जरूरत बताया।

सम्मेलन हेम शर्मा ने जीसीसीआई के बारे में बताया कि गो आधारित उद्यमिता के विकास में राजस्थान प्रदेश स्तर पर गो उत्पादों की मार्केटिंग, मेंन्यूफक्चरिंग, उत्पादों की क्वालिटी, विभिन्न स्तरों पर कोर्डिनेशन, नेचुरल फार्मिंग, बायो गैस, हेल्थ न्यूट्रीशन, पंच गव्य थेरेपी, गो प्रोडेक्शन, डेवलपमेंट, डिजास्टर मैनेजमेंट, गोचर संरक्षण और विकास, वेलिडेशन स्टेबिलिटी, डेयरी प्रोडक्ट, नस्ल संवर्धन, सी एस आर फंड आदि में स्टेट इकाई की सक्रियता सुनिश्चित कर प्रदेश स्तर पर गो उद्यमिता को संबल दिया जाना है।
भारत जैसे देश को गो आधारित उद्यमिता का नया सेक्टर दिया है। गो आधारित उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए हर प्रदेश की gcci गठित की गई है।

जीसीसीआई टीम राजस्थान में जीसीसीआई नेशनल ने काम करने की 34 श्रेणियां बनाई है। इसमें विविध सेक्टर की वर्किंग प्लानिंग की गई है। सेक्टर के अनुसार वर्किंग टीम मोटे तौर पर गठित कर ली गई हैं। सुझावों के आधार पर कुछ बदलाव होने है।
राष्ट्रीय कार्यालय द्वारा कुल 33 अलग-अलग विभागों की कार्य योजना बनाई गई है। इसके अनुसार ही राजस्थान संभागवार और स्टेट टीम बनाना है।

राजस्थान के दस संभाग में से प्रत्येक सेक्टर विभाग के एक संभाग से एक व्यक्ति इस टीम का प्रतिनिधित्व करेगा। कुल 11 प्रतिनिधियों का एक विभाग बनेगा, जिसमें एक संयोजक एवं 10 सह संयोजक मनोनीत किए जाएंगे। सुमित शर्मा ने जीसीसीआई की अवधारणा की जानकारी और अतिथियों का परिचय दिया। जीसीसीआई सदस्यों ने विचार रखे। धन्यवाद अजय पुरोहित ने दिया।

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating 0 / 5. Vote count: 0

No votes so far! Be the first to rate this post.

As you found this post useful...

Follow us on social media!

Leave a Reply