BikanerExclusiveHealth

चिकित्सकों ने कर दिया 13 वर्षीय किशोर की विकलांगता का सफल उपचार

0
(0)

*जिला अस्पताल में सीटीईवी के जटिल केस का हुआ सफल उपचार*
*डीफ्रेंशियल डिस्ट्रैक्शन पद्धति से बच्चे के जन्मजात टेढ़े पैर (क्लब फुट) का उपचार किया*

बीकानेर। एसडीएम राजकीय जिला चिकित्सालय में निरंतर सुविधाओं के विस्तार के साथ जटिल उपचार भी सफलतापूर्वक किए जा रहे हैं। अधीक्षक डॉ सुनील हर्ष ने बताया कि अस्थि रोग विभाग के डॉ. लोकेश सोनी व डॉ. समीर पंवार ने अस्पताल में सीटीईवी अर्थात जन्मजात टेढे पैर (क्लब फुट) का बिना किसी चीरे के एक जटिल प्रक्रिया डीफ्रेंशियल डिस्ट्रेक्शन पद्धति के द्वारा 13 वर्षीय किशोर की विकलांगता को सफलतापूर्वक पूर्णतया सही किया है, जो कि इस क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि है।

अस्पताल के अस्थिरोग विशेषज्ञ डॉ. लोकेश सोनी ने बताया कि सीटीईवी बच्चों की एक जन्मजात विकलांगता है। इसमें पैर मुड़े हुए होते हैं, जिसका सीरियल कास्टिंग से सफलतापूर्वक इलाज किया जाता है। इसमें सामान्य रूप से जन्म से एक साल तक की उम्र में मरीज ठीक हो जाता है। परंतु कुछ विशेष परिस्थितियों में जैसे रिजिड क्लब फुट में प्लास्टर से इलाज संभव नहीं होता और समय निकलने के साथ में जटिलता बढ़ती जाती है एवं इसका इलाज बहुत मुश्किल हो जाता है।

इस केस मे पांचू निवासी तेरह वर्षीय किशोर, जो इस विकलांगता से पीड़ित था। जन्म के समय इसका इलाज शुरू करना था। वह तेरह वर्ष बाद इलाज के लिए अस्पताल में आया, जिससे इस केस की जटिलता बढ़ गई थी। किशोर के परिजनों ने दो महीने पहले जिला चिकित्सालय में अस्थिरोग ओपीडी डॉ. लोकेश से संपर्क किया था, उस समय वह बिना सहारे के चलने में असमर्थ था। इसे पूर्व जयपुर और दिल्ली के बडे अस्पतालों के लिए रेफर किया गया था, लेकिन इलाज के लिए जरूरी खर्च के अभाव में इसका इलाज नहीं हो पाया लेकिन जिला अस्पताल में मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना मे इसका निःशुल्क इलाज किया गया।

जिला चिकित्सालय में इलाज के दौरान पहले महीने में प्लास्टर लगा कर डिफॉर्मिटी को तीस प्रतिशत तक कम किया गया उसके उपरांत ऑपरेशन करने का निर्णय लिया गया। उसके बाद ऑपरेशन कर पैर में बाहरी जाल सीटीईवी जैश लगाया गया जिसको निरंतर पूर्ण निगरानी मे रखते हुए 25 दिन तक कसा गया। इस प्रक्रिया मे पीडित किशोर की विकलांगता का सफलतापूर्वक पूर्ण उपचार हो गया तथा पिरानी स्कोर जीरो हो गया।

अस्थिरोग विशेषज्ञ डॉ. समीर पंवार ने बताया कि इस प्रकार के ऑपरेशन में किसी प्रकार का चीरा नहीं लगाया गया है तथा हड्डी, टेंडन एवं मांसपेशियों में किसी प्रकार की कोई क्षति नहीं हुई है। अब करीब एक महीने में किशोर बिना किसी सहारे के आसानी से चल फिर पाएगा और सामान्य जीवन जी पाएगा। किशोरावस्था में इस प्रकार का सफलतापूर्वक ऑपरेशन होना अपने आप में दुर्लभता है। इस संपूर्ण प्रक्रिया मे डॉ लोकेश सोनी, डॉ प्रवीण पेंसिया, स्वरूप सिंह , इंद्रपाल, सुदेश आदि की टीम ने काम किया।

अधीक्षक डॉ सुनील हर्ष ने बताया कि पिछले कुछ माह से जिला अस्पताल में निरंतर विशेषज्ञ चिकित्सकों के द्वारा जटिल ऑपरेशन किए जा रहे हैं। इससे आमजन को बहुत ही कम खर्च मे गुणवत्ता पूर्ण इलाज मिल रहा है जो कि इस क्षेत्र के लिए सुखद है। गौरतलब है कि अस्पताल में पिछले कुछ माह से व्यवस्थाओं में सुधार से निरंतर ऑपरेशन थियेटर, ओपीडी और आइपीडी की संख्या बढ रही है जिससे क्षेत्र के लोगों को लाभ मिल रहा है।

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating 0 / 5. Vote count: 0

No votes so far! Be the first to rate this post.

As you found this post useful...

Follow us on social media!

Leave a Reply