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चहेते ठेकेदारों से करवा दी संचालन मंडल की अनुमति के बिना ही मूंग मूंगफली की खरीद

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बीकानेर क्रय-विक्रय सहकारी समिति लिमिटेड का मुख्य व्यवस्थापक के खिलाफ आरोप

बीकानेर। किसानों के हित में काम करने वाली क्रय-विक्रय सहकारी समिति बीकानेर पिछले कुछ समय से अनियमितता व नियम विरुद्ध कार्य के चलते चर्चा का विषय बनी हुई है। इसके चलते समिति और किसान दोनों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसका मुख्य कारण समिति के मुख्य व्यवस्थापक को बताया जा रहा है। जिन्होंने अपनी हठधर्मिता के चलते किसानों के विरुद्ध जाकर, समिति के नियम को धत्ता बताते हुए, किसानों के हितों को नजरअंदाज करते हुए वर्ष 2023-24 में खरीफ की मुख्य फसल मूंग और मूंगफली की समर्थन मूल्य पर खरीद में संचालक मण्डल का प्रस्ताव तक नहीं लिया और खरीद की। इससे भी एक कदम आगे बढ़ते हुए मुख्य व्यवस्थापक नेअपनी मर्जी से चहेते ठेकेदारों को खरीद सौंपकर ब्लेक लिस्टेड फर्मों को खरीद करवा दी। अनियमितता का खेल यहीं पर नहीं रुका, बगैर संचालन मण्डल की बैठक और सहमति के उक्त कार्य किया गया।

हैरानी की बात यह कि गत वर्ष 8 सितम्बर 2023 के बाद समिति की बैठक तक नहीं की गई। जबकि नियमानुसार अधिकतम तीन माह तक बैठक करना अनिवार्य है। इसके चलते समिति के सदस्यों में रोष व्याप्त है। समिति के अध्यक्ष हरिराम सियाग ने इस संबंध में उप- रजिस्ट्रार सहकारी समितियां को जरिये पत्र सूचना दी गई। इसके अतिरिक्त जिला कलक्टर, संभागीय आयुक्त को अपितु शासन सचिव तक को मामले से अवगत कराया है, लेकिन आज तक कोई जांच भी नहीं की गई और ना ही कोई ठोस कार्यवाही की जा रही है।

इस संबंध में समिति अध्यक्ष हरिराम सियाग ने समिति कार्यालय में प्रेसवार्ता का आयोजन कर बताया कि मुख्य व्यवस्थापक ने हाल ही में 12 अप्रेल को एक बैठक होनी बताई है। जिसमें भयंकर अनियमितता उजागर हुई। मुख्य व्यवस्थापक ने बैठक में अध्यक्ष को अनुपस्थित बता दिया। जबकि बैठक के बारे में उन्हें सूचना 9 अप्रेल को लेटर के जरिए प्राप्त हुई। जबकि समिति के नियमानुसार अध्यक्ष सहित संचालन मंडल को कम से कम सात दिन पहले सूचित किया जाना आवश्यक होता है। इस पर अध्यक्ष हरिराम सियाग ने समिति को 16 अप्रेल को बैठक आयोजित करने की बात कही और लिखित में भी दी। लेकिन मुख्य व्यवस्थापक ने बाकी सदस्यों को बुलाकर बैठक पारित करवा दी और जो सदस्य बैठक में मौजूद नहीं थे। उनके गांव तक जाकर बैठक की उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर करवा लिए।

अध्यक्ष सियाग ने बताया कि जिन सदस्यों के हस्ताक्षर लिए गए वे इस बैठक से ही अनभिज्ञ थे और प्रेसवार्ता में भी मौजूद थे। सियाग का यह भी कहना था कि गत वर्ष बैठक नहीं लेने का एक कारण मुख्य व्यवस्थापक ने विधानसभा चुनाव की अचार संहिता का होना बताया था। लेकिन अब लोकसभा चुनाव की अचार संहिता लगी हुई है, ऐसे में अगर बैठक की भी तो फिर नियम-कायदे कहां गए…? अध्यक्ष हरिराम सियाग ने प्रेसवार्ता में बताया कि समिति द्वारा खरीद का प्रावधान होते हुए भी बाहरी संस्था व व्यक्ति विशेष से खरीद का कार्य व्यवस्थापक द्वारा अपने निजी स्वार्थ व हितबद्ध व्यक्तियों द्वारा करवाया गया। जिसका समिति घोर विरोध करती है और आगे भी समिति को प्राथमिकता से खरीद का अवसर नहीं दिया जाता है तो अन्य से खरीद पर समिति द्वारा, समिति के संचालन मंडल द्वारा विरोध और निंदा प्रस्ताव भी पारित किया जाएगा।

16 अप्रेल को संचालन मंडल की बैठक में नहीं पहुंचे मुख्य व्यवस्थापक राठौड़ बीकानेर क्रय-विक्रय सहकारी समिति लिमिटेड के अध्यक्ष हरिराम सियाग ने बताया कि समिति की बैठक 16 अप्रैल मंगलवार को रखी गई। मुख्य व्यवस्थापक को लिखित में सूचना देने के बाद भी वह बैठक में उपस्थित नहीं हुए और कर्मचारियों से समिति की कार्यवाही रजिस्टर की मांग करने पर उन्होंने रजिस्टर मुख्य व्यवस्थापक महिपाल सिंह राठौड़ के पास होना बताया। अध्यक्ष हरिराम सियाग ने बताया कि खरीद का कार्य सोसायटी स्वयं करती है तो अध्यक्ष और संचालन मंडल की सहमति है। अन्यथा किसी संस्था या व्यक्ति विशेष से करवाए जाने पर विरोध किया जाएगा।

हैण्डलर को भुगतान, परिवहनकर्ता को नहीं बीकानेर क्रय विक्रय सहकारी समिति के मुख्य व्यवस्थापक महिपाल सिंह राठौड़ पर आरोप यह भी है कि उन्होंने समर्थन मूल्य 2023 सरसों व चने के हैण्डलिंगकर्ता मोहम्मद आरिफ को तो 23 लाख का भुगतान कर दिया। जो भुगतान भी उक्त कार्य को देखते हुए अधिक किया गया और भुगतान की राशि भी सदस्यों से उधार लेकर दी गई। वहीं समर्थन मूल्य सरसों व चना के परिवहनकर्ता बरकत अली को भुगतान तक नहीं किया गया। इससे स्पष्ट रूप से यह दृष्टिगोचर हुआ कि मुख्य व्यवस्थापक ने निजी व्यक्तियों को लाभ पहुंचाने के लिए समिति के नियमों तक को दरकिनार कर दिया।

सदस्यों को नहीं लौटाई अमानत राशि

क्रय- विक्रय सहकारी समिति द्वारा भुगतान के लिए सदस्यों से अमानत राशि यह कहकर तो ली गई कि जब राजफैड का चना व सरसों का भुगतान आएगा। अमानत राशि लौटा दी जाएगी। लेकिन राजफैड से 8 नवम्बर 2023 को ही 28 लाख 15 हजार 666 रुपए का भुगतान सोसायटी को कर दिया गया। परन्तु सदस्यों और ग्राम सेवा सहकारी समिति पलाना एवं बरसिंहसर को भुगतान राशि आज तक नहीं दी गई। इसके चलते किसानों का समिति पर विश्वास उठता जा रहा है और अपनी राशि के लिए समिति के चक्कर लगाने पर विवश होना पड़ रहा है।

दलहन- तिलहन के खरीद प्रस्ताव को नियम विरुद्ध बताया

समिति के अध्यक्ष हरिराम सियाग ने समर्थनमूल्य 2024-25 के दलहन-तिलहन के खरीद के प्रस्ताव को नियम विरुद्ध जाकर होना बताया है। सियाग के अनुसार इसके लिए समिति के संचालन मण्डल की सहमति आवश्यक होती है और प्रस्ताव लिया जाता है। लेकिन ना सहमति ली गढ़ और ना प्रस्ताव लिया गया। इससे समिति के सदस्यों में रोष व्याप्त है। साथ ही समिति ने समिति के सदस्यों ने नियमों के विरुद्ध किए गए कार्यों की जांच की मांग शीघ्र करने का आग्रह उच्चाधिकारियों से लिखित में ज्ञापन देकर किया है। सियाग ने 12 अप्रेल को की गई खरीद के विषय में लिए गए प्रस्ताव की प्रमाणित प्रतिलिपि समिति के अध्यक्ष होने के नाते दिए जाने, समिति के अध्यक्ष होने के नाते यह जानकारी भी अतिरिक्त रजिस्ट्रार व उप रजिस्ट्रार से मांगी है। वार्ता के दौरान संचालन मंडल के सदस्य मोडाराम मेघवाल गोपालराम, मांगीलाल, जीतूसिंह, रामदयाल आदि मौजूद थे।

समिति मण्डल ने जिला कलक्टर को ज्ञापन देकर अवगत कराया क्रय – विक्रय सहकारी समिति, बीकानेर द्वारा
अनियमितता व नियम विरुद्ध किए गए कार्यों की जांच उच्चाधिकारियों से करवाए जाने की मांग को लेकर एक शिष्टमंडल ने अध्यक्ष हरिराम सियाग के नेतृत्व में मंगलवार को कलक्टरी पहुंच जिला कलक्टर नम्रता वृष्णि को ज्ञापन दिया है। जिसमें समिति के मुख्य व्यवस्थापक महिपाल सिंह राठौड़ द्वारा वर्ष 2023-24 में खरीफ की मुख्य फसल मूंग और मूंगफली की समर्थन मूल्य पर खरीद में संचालक मण्डल का प्रस्ताव तक नहीं लेने, अपने चहेते ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने, समिति के अधीन बरसिंहसर और पलाना की सोसायटी के भुगतान नहीं करने, समर्थन मूल्य 2024-25 दलहन- तिलहन के खरीद का प्रस्ताव समति के संचालन मंडल की बिना अनुमति के नियम विरुद्ध जाकर लेने आदि की जानकारी से अवगत कराया गया है। ज्ञापन देने वालों में समिति के अध्यक्ष हरिराम सियाग, संचालन मंडल के सदस्य मोडाराम मेघवाल, गोपालराम, मांगीलाल, जीतूसिंह, रामदयाल आदि साथ थे।

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