भगवान पार्श्वनाथ व आदिनाथ की प्रतिमाओं की प्रतिष्ठा
द्वार उद्घाटन व सतर भेदी पूजा आज, शोभायात्रा निकली
बीकानेर, 9 मार्च। कोचर मंदिरात एवं पंचायती ट्रस्ट के तत्वावधान में कोचरों के चौक के जैन पंच मंदिर परिसर के भगवान श्री पार्श्वनाथ जिनालय के 200 वें वर्ष पर मूल गर्भगृह में रविवार को भगवान पार्श्वनाथ की तथा भगवान आदिनाथ मंदिर में जीर्णोंद्धार के बाद पुनः प्रतिमा की प्रतिष्ठा जैन विधि व आगम मंत्रों से की गई।
शुक्रवार को प्रन्यास प्रवर मुनि धर्मशील विजय व मुनि पद्मशील विजय के सान्निध्य सुबह छह बजे द्वार उद्घाटन व सुबह साढ़े नौ बजे सत्रहभेदी पूजा होगी। द्वार उद्घाटन का लाभ सुश्रावक ताराचंद, चांदमल, सूरजमल, सुन्दरलाल व सोहन लाल कोचर परिवार ने लिया है। यह परिवार गाजे बाजे के साथ रविवार सुबह मंदिर पहुंचकर द्वार के पट् खोलकर सभी को दर्शन करवाने का पुण्य हासिल करेंगे।
आयोजन से जुड़े जितेन्द्र कोचर ने बताया कि गच्छाधिपति विजय नित्यानंद सूरीश्वरजी के आज्ञानुवर्ती प्रन्यासप्रवर मुनि धर्मशील विजय व मुनि पद्मशील विजय के सान्निध्य पूर्व में गोगागेट के बाहर कोचरों की दादा बाड़ी से भगवान पार्श्वनाथ की काले संगमरमर की प्रतिमा को शोभायात्रा के साथ पंच मंदिर तक लाया गया। शोभायात्रा में बैंड पार्टी नवकार महामंत्र की धुन बजा रहा था । आगे पंचरंगी जैन ध्वज लिए घुड़ सवार चल रहा था ।
श्री आत्मानंद जैन महासभा के अध्यक्ष चन्द्र कुमार कोचर व श्रीमती विनोद कोचर प्रतिमा को लिए हुए बग्गी में सवार थे। सकलश्री संघ के श्रावक-श्राविकाओं, प्रतिष्ठा महोत्सव के लाभार्थी सुश्रावक रिखबदास, केशरीचंद, मोजीराम, खेमचंद कोचर परिवार, जतनमल, हीरालाल, सुनील, कृणाल कोचर परिवार, श्रीमती विनोद देवी,चन्द्र कुमार कोचर परिवार, टीकमचंद भंवर लाल कोचर परिवार, समस्त सिरोहिया परिवार, शिखरचंद डागा परिवार के सदस्यों का अनेक स्थानों पर पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया। श्राविकाएं मंगल कलश लिए हुए थी। श्रावक-श्राविकाएं श्रद्धा व भक्ति के साथ देव, गुरु व धर्म के नारे लगा रहे थे।
कोचर ने बताया कि भगवान पार्श्वनाथ मंदिर के स्थापना के 200 वें वर्ष पर स्थापित की गई नई प्रतिमा की अंजन श्लाका विधान गच्छाधिपति नित्यानंद सूरिश्वरजी ने जालौर के उम्मेदपुर में किया था। भगवान ऋषभदेव की प्राचीन सफेद संगमरमर प्रतिमा को जीर्णोंद्धार के बाद पुनः प्रतिष्ठित किया गया है। प्रतिष्ठा विधिकारक नितिश भाई ने प्रन्यास प्रवर पद से विभूषित मुनि धर्मशील विजय व मुनि पद्मशील के सान्निध्य में करवाई।
भक्ति संगीत संध्या
पंच मंदिर परिसर में ही शुक्रवार रात को हुई भक्ति संध्या में वरिष्ठ गायक मगन कोचर, खैरली के अभिषेक कोचर ने विभिन्न राज व तर्जों में भगवान आदिनाथ व पार्श्वनाथ के भजन प्रस्तुत कर देर रात तक श्रावक-श्राविकाओं को भक्ति रस में सराबोर रखा।