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किसानों को अनाज उत्पादन के साथ उसे बेचने में भी निपूर्णता हासिल करने की जरूरत- नम्रता वृष्णि, कलक्टर

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*मिलेट्स खाएं तो मल्टी विटामिन दवा लेने की जरूरत ही नहीं – डॉ अरुण कुमार, कुलपति, एसकेआरएयू*
*विश्वविद्यालय में नई पहल एवं उपलब्धियां-2023 पुस्तक का किया विमोचन*

*”खाद्य सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए बाजरा आधारित पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करना” विषय पर शीतकालीन प्रशिक्षण का आयोजन* 

बीकानेर, 01 मार्च। किसानों को अनाज उत्पादन के साथ साथ उसे बेचने में भी निपूर्णता हासिल करने की जरूरत है। ताकि किसान को उसकी फसल का पूरा मूल्य मिल सके। ये कहना है जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि का जो शुक्रवार को स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय परिसर में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा प्रायोजित 21 दिवसीय शीतकालीन प्रशिक्षण के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रही थी।  जिला कलक्टर ने कहा कि उपभोक्ताओं को मिलेट्स खाने की आदत विकसित करने की भी जरूरत है।

इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि महाविद्यालय के कुलपति डॉ अरुण कुमार ने कहा किहम अगर मिलेट्स खाएं तो मल्टी विटामिन कैप्सूल लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से कृषि विकास की कोई योजना आती है और ज़िला प्रशासन सहयोग करे तो कृषि विश्वविद्यालय एक गांव को आदर्श गाँव के रूप में विकसित किया जा सकता है। कुलपति ने जिला कलेक्टर से बिछवाल में प्रदूषित जल की समस्या का हल निकालने हेतु भी आग्रह किया।कार्यक्रम में विश्वविद्यालय में नई पहल एवं उपलब्धियां-2023 पुस्तक का विमोचन भी किया गया।  

इससे पूर्व कार्यक्रम संयोजक एवं सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ विमला डुंकवाल ने कहा कि अगर हम शारीरिक एवं मानसिक रूप से फिट रहना चाहते हैं तो जहां जो अनाज पैदा होता है उसे खाने की आदत डालनी चाहिए। साथ ही कहा कि अब हमें अनाज की मात्रा की बजाय उसकी क्वालिटी पर ध्यान देने की जररूत है। श्रीमती डुंकवाल ने प्रशिक्षण के बारे में बताया कि 11 राज्यों से आए प्रतिभागी इस प्रशिक्षण में हिस्सा ले रहे हैं। प्रशिक्षण के दौरान देश के विभिन्न भागों से विषय विशेषज्ञ यहां आकर प्रशिक्षण देंगे। 

अनुसंधान निदेशक डॉ पीएस शेखावत ने मिलेट्स के उत्पादन, वैरायटी व उनके गुणों के बारे में विस्तृत जानकारी दी।  प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ सुभाष चंद्र ने कृषि की नई तकनीकों के प्रसार में कृषि विज्ञान केन्द्रों की अहम भूमिका के बारे में विस्तार से बताया। मानव संसाधन विकास निदेशालय के निदेशक डॉ ए के शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती पूजन से हुई। फिर कार्यक्रम में आए हुए अतिथियों का बुके देकर स्वागत किया गया। वीडियो क्लिप के जरिए विश्वविद्यालय के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की गई। कार्यक्रम में मंच संचालन डॉ मंजू राठौड़ ने किया।

कार्यक्रम में छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ वीर सिंह, कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ पीके यादव, कृषि व्यवसाय एवं प्रबंधन संस्थान निदेशक डॉ आईपी सिंह, भू सदृश्यता एवं आय सर्जन निदेशक डॉ दाताराम, वित्त नियंत्रक राजेन्द्र कुमार खत्री, आचार्य डॉ नीना सरीन, सहायक आचार्य डॉ सीमा त्यागी समेत अन्य विभागाध्यक्ष एवं शैक्षणिक स्टॉफ व 11 राज्यों से आए प्रतिभागीगण उपस्थित रहे।

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