कृषि उपज टैक्स का बीकानेर के प्रमुख कारोबारी संगठनों ने किया पूरजोर विरोध
बीकानेर व्यापार उद्योग मण्डल व बीकानेर जिला उद्योग संघ के पदाधिकारियों ने ऊर्जा मंत्री व कलक्टर से की वार्ता
बीकानेर। कृषि उपज पर 2% टैक्स लगाने के बाद बीकानेर के प्रमुख कारोबारी संगठन पूरजोर तरीके से विरोध जता रहे हैं। बीकानेर व्यापार उद्योग मण्डल व बीकानेर जिला उद्योग संघ के संयुक्त तत्वावधान में एक शिष्टमण्डल ने बुधवार को कलक्ट्रेट में ऊर्जा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला व कलक्टर कुमार पाल गौतम के समक्ष विभिन्न मांगों को दमदार तरीके से रखा। वार्ता में बीकानेर व्यापार उद्योग मण्डल के अध्यक्ष जुगल राठी, बीकानेर जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष डी पी पचीसिया, उद्योग मंडल के सचिव वीरेन्द्र किराडू तथा ऑल इंडिया दाल मिल्स एसोसिएशन के सचिव राजकुमार पचीसिया ने मंत्री कल्ला से चर्चा की और एक संयुक्त ज्ञापन सौंपा। उद्योग संघ अध्यक्ष पचीसिया ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा जारी कृषि कल्याण फीस की अधिसूचना को निरस्त करवाने एवं राज्य के रेवेन्यु हेतु मादक पदार्थों जैसे शराब आदि पर 100 प्रतिशत डयूटी लगाकर रेवेन्यु पूर्ति करने बाबत राजस्थान सरकार द्वारा जारी की गई 100 रुपये पर 2 रुपये कृषक कल्याण फीस का विरोध जताया। उन्होंने बताया गया कि राज्य सरकार द्वारा पूर्व में ही कृषि आधारित उद्योगों से 1.60 की दर से कृषि मंडी शुल्क वसूला जा रहा है जबकि राजस्थान के अलावा पड़ोसी राज्यों में मंडी शुल्क बहुत ही कम है । जहां एक और पूरा व्यापार व उद्योग जगत कोरोना वायरस के कारण लगे लोक डाउन की वजह से बंद पड़े व्यवसायिक व औद्योगिक प्रतिष्ठान के कारण अपनी आजीविका चलाने में असमर्थ हो रहा है वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार ने कृषि आधारित उद्योगों को छूट देने की बजाय इस कृषक कल्याण फीस का भार डाल कर सभी औद्योगिक व व्यापारिक संस्थानों के अस्तित्व पर तलवार लटका दी है। कृषि आधारित उद्योगों पर पूर्व में ही 1.60 रूपये कि दर से मंडी शुल्क देय हो गया इस कारण अधिक लागत आने से राज्य का कृषि आधारित उधोग अन्य राज्यों की प्रतिस्पर्धा में पिछड़ गया। जबकि अन्य राज्यों जैसे दिल्ली, पंजाब व हरियाणा में मंडी शुल्क ही लागू नहीं है जिसके कारण राजस्थान से कच्चा माल पडोसी राज्यों में जाता है और वापस इन राज्यों से दाल बनकर राजस्थान में आती है। राज्य सरकार द्वारा यह कदम राज्य की रेवेन्यु बढाने के लिए उठाया है तो इस बारे में हमारा निवेदन रहेगा कि राज्य सरकार को मादक पदार्थों जैसे शराब आदि पर 100 प्रतिशत ड्यूटी लगा देनी चाहिए और बंद पड़े औद्योगिक एवं व्यापारिक प्रतिष्ठान पर ऐसी अधिसूचनाएं जारी कर भार नहीं डाला जाए। इस मौके पर उन्होंने र्क्फ्यू ग्रस्त इलाके अलावा तमाम मार्केट को सरकारी एडवाइजरी के तहत खोलने की मांग रखी। साथ ही रानीबाजार से लेकर रानीबाजर औद्योगिक क्षेत्र तक के एरिया में क्फर्यू हटाने का भी आग्रह किया। इस दौरान उन्होंने मंत्री कल्ला व कलक्टर को अवगत करवाया कि बीकानेर शहर के व्यापारिक प्रतिष्ठान लॉकडाउन के चलते 22 मार्च से पूर्णतया बन्द है। लॉकडाउन अवधि में विद्युत बिल की वसूली कम्पनी द्वारा औसत आधार पर की जा रही है। जो कि न्यायोचित नहीं है। इसलिए विद्युत बिलों की औसत गणना की जगह इस अवधि में विद्युत बिलों को माफ कर दिया जाए।
जुगल राठी वीरेन्द्र किराडू
अध्यक्ष सचिव