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किसी भी अर्थव्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण है सेमीकंडक्टर इलेक्ट्रॉनिक्स : डॉ पंचारिया

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सीएसआईआर-सीरी में सेमिकंडक्‍टर डिवाइसेज़ एंड सेंसर्स विषय पर “डीएसटी – एसईआरबी कार्यशाला का आयोजन

पिलानी। भारत सरकार के विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत विज्ञान एवं अभियांत्रिकी अनुसंधान बोर्ड (सर्ब) के सौजन्‍य से सीएसआईआर-सीरी, में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में देशभर के विभिन्‍न शिक्षण संस्‍थानों से एम टेक एवं पी एच डी कर रहे कुल 25 प्रतिभागियों का चयन किया गया है। इसके अलावा संस्थान के लगभग 75 वैज्ञानिक एवं तकनीकी कार्मिकों, स्थानीय शिक्षण संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने इस कार्यशाला में भाग लिया। सीएसआईआर-सीरी, पिलानी में तकनीकी कार्यशाला के माध्‍यम से आयोजित फैकल्‍टी डेवलपमेन्‍ट कार्यक्रम को भारत सरकार के विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत सेवारत संस्‍थान (साइंस एंड इंजीनियरिंग रिसर्च बोर्ड – एसईआरबी) द्वारा प्रायोजित किया जा रहा है। कार्यशाला की अध्‍यक्षता सीएसआईआर-सीरी के निदेशक डॉ पी सी पंचारिया ने की। कार्यक्रम का शुभारंभ परंपरागत रूप से दीप प्रज्‍वलन एवं सरस्‍वती वंदना से हुआ।

आयोजन की अध्‍यक्षता करते हुए डॉ पी सी पंचारिया, निदेशक, सीएसआईआर-सीरी ने अपने आरंभिक संबोधन में विश्व की विकसित अर्थव्यवस्थाओं की चर्चा करते हुए उसमें सेमिकंडक्टर के योगदान पर प्रकाश डाला । उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स का अत्यंत महत्वपूर्ण अंग है सेमिकंडक्टर। इस शोध क्षेत्र मैं विकास की असीम संभावनाएं हैं और बिना इसमें कार्य किए हमारा देश विश्व की शीर्ष विकसित अर्थव्यवस्थाओं में शामिल नहीं हो सकता। उपस्थित प्रतिभागियों एवं सहकर्मियों को संबोधित करते हुए उन्होंने संस्थान में सेमिकंडक्टर इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में की जा रही शोध गतिविधियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सभी प्रतिभागी भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से आयोजित की जा रही इस कार्यशाला से लाभान्वित होंगे।

सुप्रसिद्ध शिक्षाविद डॉ सुमन जाखड़ एवं डॉ कौशल कार्यशाला के विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को विज्ञान के प्रति आकर्षित करने के लिए भारत सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। इससे पूर्व डॉ सुचंदन पाल, मुख्‍य वैज्ञानिक एवं प्रमुख सेमिकंडक्‍टर, सेंसर्स एवं माइक्रोसिस्‍टम्‍स समूह ने सभी अतिथियों, संकाय सदस्‍यों व प्रतिभागियों का औपचारिक स्‍वागत किया।

हाइब्रिड माध्यम से आयोजित की गई इस कार्यशाला में तीन महत्वपूर्ण व्याख्यान दिए गए। व्‍याख्‍यान विवरण इस प्रकार है:

1. लीवरेजिंग द प्रॉपर्टीज़ ऑफ सेमिकंडक्‍टर्स फॉर डिवाइसेज़ एंड सेन्सिंग
वक्ता – प्रोफेसर चंद्रशेखर, वरिष्ठ इमेरिटस प्रोफेसर, बिट्स-पिलानी एवं पूर्व निदेशक, सीएसआईआर-सीरी
2. टेक्‍नोलॉजीज़ डेवलप्‍ड एट सीएसआईआर-सीरी
वक्ता – डॉ मनीष मैथ्‍यु, वरिष्‍ठ प्रधान वैज्ञानिक, सीएसआईआर-सीरी
3. एम्‍पावरिंग टुमॉरो : अंडरस्‍टैंडिंग सेमिकंडक्‍टर डिवाइसेज़ एंड सेंसर्स इन द मॉडर्न वर्ल्‍ड
वक्ता – प्रोफेसर नवनीत गुप्‍ता, अध्‍यक्ष, इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स इंजीनियरिंग विभाग

इस अवसर पर अतिथियों एवं प्रतिभागियों को संस्‍थान के विज्ञान संग्रहालय, विभिन्‍न प्रयोगशालाओं एवं शोध सुविधाओं का भ्रमण (परिदर्शन) भी कराया गया।

कार्यक्रम के संयोजक डॉ जितेन्‍द्र सिंह, प्रधान वैज्ञानिक ने अतिथियों एवं प्रतिभागियों को कार्यशाला की संक्षिप्‍त रूपरेखा से अवगत कराया। इस अवसर पर उन्‍होंने इस आयोजन की पृष्‍ठभूमि और उद्देश्‍यों पर प्रकाश डाला। कार्यशाला के अंत में डॉ प्रमोद तंवर, प्रधान वैज्ञानिक ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए देश में ऐसे कार्यक्रमों की आवश्‍यकता को रेखांकित किया।
विदित है कि सीएसआईआर-सीरी ने सेमिकंडक्‍टर इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स के क्षेत्र में अनेक उल्‍लेखनीय उपलब्धियां अर्जित की हैं और संस्‍थान में सेमिकंडक्‍टर्स की विशेषज्ञ जनशक्ति और अत्‍याधुनिक शोध सुविधाएं भी उपलब्‍ध हैं। इसीलिए डीएसटी-सर्ब द्वारा संस्‍थान को शैक्षणिक समुदाय को इस संबंध में नई एवं अद्यतन जानकारी देने का दायित्‍व सौंपा गया है। इस कार्यशाला का मुख्‍य उद्देश्‍य पीएचडी शोध छात्रों एवं शिक्षकों को सेमिकंडक्‍टर एवं सेंसर्स पर विषय-केंद्रित व्‍याख्‍यान एवं प्रशिक्षण देते हुए उन्‍हें इस विषय की अत्‍याधुनिक जानकारी देना और देश के लिए कुशल जनशक्ति और नवीन विशेषज्ञ तैयार करना है।

क्‍या है एसईआरबी (सर्ब) –

साइंस एंड इंजीनियरिंग रिसर्च बोर्ड (एस ई आर बी) का गठन भारत सरकार द्वारा देश में विज्ञान एवं इंजीनियरिंग के क्षेत्र में मौलिक अनुसंधान को बढ़ाने के लिए संसद के अधिनियम ‘साइंस एंड इंजीनियरिंग रिसर्च बोर्ड अधिनियम, 2008’ द्वारा किया गया है। यह भारत सरकार के विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी मंत्रालय के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के अधीन है। एसईआरबी को एनआरएफ में परिवर्तित कर दिया गया है, और इसे एनआरएफ अधिनियम के अंतर्गत राजपत्र में पारित कर दिया गया है। एनआरएफ अधिनियम ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) की सिफारिशों के अनुसार देश में वैज्ञानिक अनुसंधान की उच्च स्तरीय रणनीतिक दिशा प्रदान करने के लिए एनआरएफ को एक शीर्ष निकाय के रूप में स्थापित किया है।

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