फिर भी गूंजेगा हिरणा रे… किसना… गोविन्दा… प्रह्लाद भजे…
बीकानेर। वैशाख शुक्ल चतुर्दशी को नृसिंह जयंती मनाई जाती है। इस बार कोरोनासुर के प्रकोप के चलते मेले नहीं भरें जाएंगे। इसके बावजूद भी हम अपनी इस परम्परा को निभाएंगे। हमें कोरोनासुर के आगे झुकना मंजूर नहीं। हम अपने आराध्य भगवान नृसिंह की जयंती जरूर मनाएंगे। इसके लिए हम आज शाम 7 बजे अपने घरों में भगवान नृसिंह की आरती करेंगे, पंचामृत का भोग लगाएंगे। फिर ठीक 7.30 बजे छतों पर शंख, घंटी और थालियां बजाने के साथ हिरणा रे किशना…गोविन्दा… प्रह्लाद भजे … के जैकारे लगाएंगे। इस प्रकार हम साबित कर देंगे कि परिस्थिति चाहे कैसी भी हो हम अपनी संस्कृति को किसी भी रूप में संरक्षित रख सकते हैं। साथ ही अपनी उस महान परंपरा से उस नई पीढ़ी को परिचित कराएंगे जो समझ पकड़ने के बाद पहली बार भगवान नृसिंह के अवतार के बारे में जानेंगे।
एक नृसिंह भक्त की कलम से
द इंडियन डेली के पाठकों को नृसिंह जयंती की बहुत-बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएं । 💥💥💥💥💥💥💥