बीकानेर में फ्रेन्च, इटालियन, स्पेनिश, यूरोपियन, जर्मन भाषाओं का प्रशिक्षण शुरू
*द पुष्करणाज फाउण्डेशन द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय भाषा प्रशिक्षण का आगाज*
*अर्न्तराष्ट्रीय भाषा प्रशिक्षण सांस्कृतिक सेतु है-रंगा*
बीकानेर। द पुष्करणाज फाउण्डेशन द्वारा स्थानीय नत्थूसर गेट के बाहर स्थित सृजन सभागार में साफा, पाग, पगड़ी प्रदर्शनी लगाई गई। जिसमें राष्ट्रीय संयोजक गोपीकिशन छंगाणी ने बताया कि मुख्य अतिथि कमल रंगा, (वरिष्ठ साहित्यकार) विशिष्ट अतिथि कृष्णचन्द पुरोहित, अध्यक्षता प्रशिक्षक शेखु सुल्तान (विभिन्न भाषाओं के गाईड) ने की।
मुख्य अतिथि कमल रंगा ने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय भाषा प्रशिक्षण, सांस्कृतिक सेतु का कार्य करता है। आज के वैश्विक एवं संचार क्रान्ति के युग में जहां पूरा विश्व एक इकाई है। ऐसी स्थिति में आज की युवा एवं नई पीढ़ी जो उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाना होता है। ऐसे में अपनी भारतीय भाषाओं के साथ विदेशी भाषाओं का ज्ञान लेना एक सार्थक प्रयास है। रंगा ने कहा कि संस्था द पुष्करणाज फाउण्डेशन द्वारा अंर्तराष्ट्रीय भाषाओं का प्रशिक्षण कार्यक्रम रखना प्रशंसा योग्य तो है ही साथ ही सार्थक नवाचार भी है। जिसके लिए संस्था एवं उसके समस्त आयोजकगण साधुवाद के पात्र है।
द पुष्करणाज फाउण्डेशन के सचिव कृष्णचंद पुरोहित ने कहा कि आज सोशल मीडिया का युग है। जिसमें हम विश्व की कोई भी जानकारी प्राप्त कर सकते है। लेकिन हमें भाषाई ज्ञान का अभाव रहता है। इसके चलते हुए आज के दौर में युरोपियन स्पेनिश, फा्रंस, जर्मनी, ईटालियन, आदि भाषाओं के बारे में जानकारी होना अति आवश्यक है। जिससे युवाओं में बढ़ रही बेरोजगारी में रोजगार के अवसर प्राप्त हो सके। साथ ही अलग-अलग भाषाओं में जानकारी प्राप्त होने से एक दूसरे देश से संस्कृति का आदान-प्रदान भी कर सकते है।
अध्यक्षता करते हुए प्रशिक्षक शेखु सुल्तान ने छात्र/छात्राओं का बताया कि फा्रसी भाषा में हैलो को बेंजोर कहते है और सावा को आप कैसे है, और ओके को ‘वा’ कहते है मेरा नाम क्या है ‘जेमेफिली’ कहते है। मैं दस वर्ष का बुढा हूं जेडिक्स एन्स, आप कैसे है कमेन्ट एलीज वाउस, इसी तरह स्पेनिश में हैलो को होला बोलते है, आप कैसे है कोमो एसटस, मेरा है मी एलमो, बाय-बाय को एडीओस कहते हैं। इसी तरह उन्होंने बताया कि भारत के तटीय क्षेत्र जैसे कि गोवा, पांडिचेरी ऐसे इलाकों में यहां से सीखने को मिलता है। वहां इस तरह की अन्तर्राष्ट्रीय भाषआों का प्रशिक्षण मिलता है जो कि वहां पर अलग-अलग देशों से लोग आते है और आनन्द लेते है।
द पुष्करणाज फाउण्डेशन के अध्यक्ष राजेश रंगा ने बतौर स्वागताध्यक्ष सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि शीघ्र ही फिर अर्न्तराष्ट्रीय भाषाओं का प्रशिक्षण रखा जाएगा। रंगा ने इस अवसर पर बीकानेर सहित राजस्थान के सभी विश्वविद्यालयों में ऐसे प्रशिक्षण शिविर और कोर्स आदि प्रारंभ हो ताकि वह कोर्स प्रशिक्षण युवाओं को रोजगार दे सके।
कार्यक्रम का संचालन हरिनारायण आचार्य ने किया एवं सभी का आभार आशिष रंगा ने ज्ञापित किया। इस अवसर पर युगल नारायण छंगाणी, मनोज देराश्री, आदित्य पुरोहित, मोहित पुरोहित, दिनेश व्यास, कृष्णकांत, भुवनेश पुरोहित इत्यादि उपस्थित थे।