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सेमिकंडक्‍टर टेक्‍नोलॉजी को जानने का बेहतरीन अवसर है ‘शिल्‍प’ कार्यक्रम – डॉ सुचंदन

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सीएसआईआर-सीरी में ‘सेमिकंडक्‍टर हाई इम्‍पैक्‍ट लर्निंग प्रोग्राम ‘शिल्‍प’ के 7वें बैच का प्रशिक्षण संपन्‍न

पिलानी। सीएसआईआर – केंद्रीय इलेक्‍ट्रॉनिकी अभियांत्रिकी अनुसंधान (सीएसआईआर-सीरी) में इंजीनियरिंग और विज्ञान विद्यार्थियों के लिए आयोजित महत्‍वाकांक्षी कार्यक्रम ‘सेमिकंडक्‍टर हाई इम्‍पैक्‍ट लर्निंग प्रोग्राम (शिल्‍प)’ के सातवें सत्र का समापन हुआ। इस बैच में गणपत विश्‍वविद्यालय, गुजरात के एम टेक (वीएलएसआई) के 15 विद्यार्थियों ने प्रशिक्षण प्राप्‍त किया। सत्र 22 जनवरी से 2 फरवरी के दौरान आयोजित किया गया। विदित हो कि भारत सरकार के कौशल विकास अभियान से कदम मिलाते हुए सीएसआईआर की कौशल विकास पहल के अंतर्गत आरंभ किया गया यह महत्‍वाकांक्षी प्रशिक्षण कार्यक्रम देश में सेमिकंडक्‍टर उद्योग जगत के लिए कुशल जनशक्ति उपलब्‍ध कराने के दूरदर्शी लक्ष्‍य को ध्‍यान में रखते हुए वर्ष 2021 में आरंभ किया गया। समापन सत्र में संस्‍थान के वरिष्‍ठ वैज्ञानिक डॉ सुचंदन पाल, डॉ अशोक चौहान, सहित अन्‍य अधिकारी एवं सहकर्मी उपस्थित थे।

इस अवसर पर प्रशिक्षार्थियों एवं उपस्थित सहकर्मियों को संबोधित करते हुए डॉ सुचंदन पाल, मुख्‍य वैज्ञानिक एवं प्रमुख, सेमिकंडक्टर सेंसर्स एवं माइक्रोसिस्‍टम्‍स ग्रुप ने सेमिकंडक्‍टर के महत्‍व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि किसी भी विकसित देश के विकास में सेमिकंडक्‍टर टेक्‍नोलॉजी का बड़ा योगदान है और हमारे देश में इस क्षेत्र में बहुत संभावनाएँ हैं। उन्‍होंने कहा कि विद्यार्थियों के लिए संस्‍थान का ‘शिल्‍प’ कार्यक्रम इस महत्‍वपूर्ण विषय के बारे में जानने व समझने का बेहतरीन अवसर है। उन्‍होंने आशा व्‍यक्‍त की कि प्रशिक्षार्थी इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से अवश्‍य लाभान्वित हुए होंगे। इस अवसर पर अपने संबोधन में डॉ सुचंदन पाल ने प्रतिभागियों के समक्ष देश के सेमिकंडक्‍टर मिशन को रेखांकित करते हुए सीएसआईआर मिशन के बारे में भी जानकारी दी।

इस अवसर पर डॉ कुलदीप सिंह, वरिष्‍ठ प्रधान वैज्ञानिक ने सेमिकंडक्‍टर क्रांति की पृष्‍ठभूमि पर चर्चा करते हुए कहा कि अब हमें गैलियम नाइट्राइड क्षेत्र में काम करने की आवश्‍यकता है। उन्‍होंने प्रशिक्षार्थियों को भविष्‍य के लिए शुभकामनाएँ दीं। इससे पूर्व सत्र का संचालन करते हुए रमाकांत शर्मा, तकनीकी अधिकारी ने उपस्थित अधिकारियों सहित सभी प्रशिक्षार्थियों एवं अन्‍य सहकर्मियों का औपचारिक स्‍वागत किया और कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्‍तुत की।

इस अवसर पर श्री अशोक चौहान, प्रमुख, शोध एवं विकास सुविधाएँ सहित सभी उपस्थित अधिकारियों ने प्रतिभागियों को सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूर्ण करने पर बधाई दी। डॉ सुचंदन पाल ने प्रशिक्षार्थियों को प्रमाणपत्र प्रदान किए। छात्र-छात्राओं ने कार्यक्रम के संबंध में अपने विचार व्यक्त करते हुए निदेशक, सीएसआईआर-सीरी और सभी प्रशिक्षकों के प्रति आभार जताया।

मीडिया एवं जन संपर्क अधिकारी रमेश बौरा ने बताया कि देश को सेमिकंडक्‍टर क्षेत्र में कुशल जनशक्ति उपलब्‍ध कराने के दीर्घकालिक ध्‍येय की प्राप्ति के लिए संस्‍थान में निरंतर ‘शिल्‍प’ प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। उन्‍होंने बताया कि ‘शिल्‍प’ के सातवें सत्र से पूर्व 1 से 12 जनवरी , 2024 तक छठे बैच का प्रशिक्षण भी सफलतापूर्वक संपन्‍न किया जा चुका है जिसमें जी एल ए युनिवर्सिटी, मथुरा (उ.प्र.) के 15 विद्यार्थियों ने प्रशिक्षण प्राप्‍त कर अपने कौशल में वृद्धि की।

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