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क्वॉरेंटाइन से ठीक हुए 11 महीने के बच्चे को गोद में ले खुशी से फूली नहीं समाई मां

‘खुशी परवान पर, आंखों में चमक’
बीकानेर। सोमवार की शाम तक क्वॉरेंटाइन में रहकर स्वस्थ होकर रवाना होते हुए लोगो के लिए खुशी का दिन था जब वे स्वस्थ होकर अपने घर की ओर रवाना हुए। हंशा गेस्ट हाउस में चिकित्सकों के सलाह पर क्वॉरेंटाइन रहे पांच 5 लोगों को जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम ने जब स्वस्थ होने के बाद शुभकामना पत्र सौंपा तो उनकी खुशियां सातवें आसमान पर थी। खुशी के पलों में वे कभी शुभकामना पत्र तो कभी जिला कलक्टर को देख रहे थे। रमजान के पाक महीने में उनके लिए अल्लाह ताला ने जो रहम की वर्षा उन पर की उससे अभिभूत नजर आ रहे थे उन्होंने कहा की यह उनके रहम का ही फल है कि वे इस संकट से निकलकर घर की ओर जा रहे हैं। जिला कलक्टर ने उनको शुभकामनाएं देने के साथ-साथ कहा कि वे घर पर भी पूरी तरह से ध्यान रखें आसपास के लोगों को भी इसके बारे में सचेत करें साथ ही उनको बताएं कि घरों पर रहे ताकि अपने साथ दूसरों को भी हम स्वस्थ रख सकें।
‘आभार’ गाड़ी में बैठते समय वे दिल से चिकित्सकों को और उनकी सेवा में लगे लोगों के प्रति हाथ जोड़कर अभिवादन कर आभार प्रकट कर रहे थे। बच्चों को तो पता था कि गाडी में घर जाना है तो जैसे ही जिला कलक्टर ने गाडी में बैठने का इशारा किया तो पलक जपकते ही छोटे बच्चे गाडी में जाकर बैठ गए। उनका चेहरा बीमारी ओर ठीक होने की कहानी स्वतः ही कह रहा था।

‘दोहरी खुशी जीती जंग’ हंशा गेस्ट हाउस में वह क्षण बहुत ही भावुक और खुशियों से लबरेज था जब एक मां अपने 11 महीने के बच्चे को ठीक होने के बाद गोद में उठाकर खुशी से फूली नहीं समा रही थी। उनका उत्साह और खुशी देखते ही बन रही थी अपने आप को सबसे खुशनसीब मां मान रही थी जो इस जंग को जीतकर अपने बच्चे को घर लेकर जा रही थी। यह माॅं ओर बेटे दोनों कोरोना से जंग जीतकर आज वापस अपने घर पहुंच गए।

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