देश की प्राचीनतम एवं प्रभावी चिकित्सा पद्धति है आयुर्वेद – डॉ पी सी पंचारिया
आयुर्वेद दिवस पर सीएसआईआर-सीरी में स्वास्थ्य शिविर एवं आयुर्वेद प्रदर्शनी का आयोजन
पिलानी। आठवें राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित किए जा रहे कार्यक्रमों की शृंखला में सीएसआईआर-सीरी में स्वास्थ्य शिविर एवं आयुर्वेद प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। स्वास्थ्य शिविर एवं आयुर्वेद प्रदर्शनी का उद्घाटन संस्थान के निदेशक डॉ पी सी पंचारिया ने किया। इस अवसर पर आयुर्वेद संस्थान के डॉ दारा सिंह रौतवार, डॉ कलीम मुहम्मद एवं उनकी टीम के अलावा संस्थान के वैज्ञानिक डॉ प्रमोद तंवर, डॉ अशोक चौहान, प्रशासन नियंत्रक जयशंकर शरण, पीआरओ रमेश बौरा एवं अन्य सहकर्मी उपस्थित थे। कार्यक्रम का आयोजन महाराव शेखा क्षेत्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान (MSARI) , जयपुर के सहयोग से भगवान धनवंतरि की उपासना के दिन (धनतेरस/धनत्रयोदशी) को किया गया।
आयुर्वेद प्रदर्शनी एवं चिकित्सा शिविर में संबोधित करते हुए डॉ पी सी पंचारिया ने जयपुर से संस्थान में पधारे डॉ दारा सिंह एवं उनके साथियों का स्वागत किया। अपने संबोधन में डॉ पंचारिया ने आयुर्वेद को सबसे प्राचीनतम चिकित्सा पद्धति बताते हुए इसके संबंध में अपने अनुभव बताए। उन्होंने इसके लाभों को रेखांकित करते हुए सभी लोगों को इसे अपनाने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर डॉ दारा सिंह एवं डॉ कलीम ने आयुर्वेद को अथर्ववेद का उपांग बताते हुए संतुलित आहार एवं उचित ऋतुचर्या का महत्व बताया।
उन्होंने आयुर्वेद की ऎतिहासिक पृष्ठभूमि पर भी प्रकाश डाला। कार्यक्रम के समन्वयक डॉ प्रमोद तंवर ने शिविर आयोजन हेतु एमएसएआरआई के अधिकारियों को धन्यवाद दिया। अंत में प्रशासन नियंत्रक श्री शरण ने अतिथियों एवं निदेशक के प्रति आभार व्यक्त किया।
स्वास्थ्य शिविर में आए सहकर्मियों एवं उनके परिजनों सहित अन्य लोगों को निशुल्क चिकित्सा परामर्श एवं दवाओं का वितरण किया गया। साथ ही आयुर्वेद के संबंध में प्रचार सामग्री आदि का भी वितरण किया गया। सभी ने इस आयोजन की सराहना करते हुए सीरी व एमएसएआरआई को धन्यवाद दिया।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए मीडिया एवं जन संपर्क अधिकारी रमेश बौरा ने अतिथियों का औपचारिक स्वागत किया। उन्होंने बताया कि केंद्रीय आयुष मंत्रालय एवं सीएसआईआर मुख्यालय से प्राप्त दिशानिर्देशों के अनुपालन में संस्थान में आयुर्वेद दिवस का आयोजन किया जा रहा है।