कलात्मक अभिव्यक्ति हमारे जीवन दर्शन को प्रभावित करती है-रंगा
*लक्ष्मीनारायण रंगा की मासिक स्मृति में आठवीं कड़ी सम्पन्न हुई*
बीकानेर। नई पीढ़ी अपनी कलात्मक अभिव्यक्ति को चित्रांकन एवं दीप रंग अंकन के माध्यम से संवारने का सकारात्मक उपक्रम हिन्दी राजस्थानी भाषा के ख्यातनाम साहित्यकार लक्ष्मीनाराण रंगा की स्मृति में आयोजित होने वाले मासिक साहित्यिक एवं सृजनात्मक कार्यक्रमों की आठवीं कड़ी के तहत बालिकाओं द्वारा आज प्रातः किया गया।
वरिष्ठ साहित्यकार कमल रंगा ने बताया कि प्रज्ञालय संस्थान एवं कमला देवी-लक्ष्मीनारायण रंगा ट्रस्ट के साझा प्रयासों से बालिकाओं ने पावन पर्व दीपावली के दीप को रंगों से सजाया तो वहीं अपनी कलात्मक अभिव्यक्ति मतदान-महादान के संदर्भ में चित्र उकेरकर व्यक्त करी।
इस अवसर पर रंगा ने बालिकाओं को आर्शीवचन देते हुए कहा की शिक्षा के साथ जीवन में कला की भी अपनी एक रचनात्मक भूमिका होती है, जिसके माध्यम से हम हमारी कलात्मक अभिव्यक्ति प्रगट करते है साथ ही यह अभिव्यक्ति हमारे जीवन दर्शन को प्रभावित करती है।
कार्यक्रम प्रभारी एवं नालन्दा करूणा क्लब के हरिनारायण आचार्य ने बताया की बालिकाओं ने उक्त चित्रांकन एवं रंग अंकन के कार्यक्रम में बडे उत्साह के साथ भाग लेते हुए अपनी कला के जरिये अपनी कल्पना में रंग भरे। कई दर्जन बालिकाओं ने जहां दीप सजाये वहीं मतदान करने कि पावन भावना को उकेरा।
कला प्रशिक्षक ममता व्यास ने बताया कि बालिकाओं में कला के प्रति गहरा अनुराग है, इसीलिए उन्होंने अपनी अभिव्यक्ति को सुन्दर से सुन्दर रूप देने का सकारात्मक प्रयास किया है। इसके लिए आयोजक संस्था एवं भाग लेने वाली सभी बालिकाएं साधुवाद की पात्र है।
आयोजन में बतौर सानिध्य देने वाले वरिष्ठ शायर जाकिर अदीब ने कहा की लक्ष्मीनारायण रंगा की स्मृति में होने वाले मासिक आयोजन भी नवाचार लिए हुए हैं, जो अपने आप में महत्वपूर्ण है। आयोजन के संदर्भ में कवि संजय सांखला एवं गिरिराज पारीक ने कहा की ऐसे आयोजन से खासतौर पर बालिकाओं एवं नई पीढ़ी को साहित्य कला आदि के प्रति जोड़ने का सकारात्मक प्रयास है।
कार्यक्रम का सफल संयोजन भवानी सिंह ने किया तो सभी का आभार ज्ञापित करते हुए युवा रचनाकार आशीष रंगा ने कहा कि लक्ष्मीनारायण रंगा की स्मृति में होने वाले मासिक आयोजनों के तहत नगर की महिला रचनाकारो का सम्मान के साथ अन्य नवाचार किए जाएंगे।