भारतीय वैज्ञानिको ने सांस्कृतिक परंपराओं को वैश्विक स्तर पर दी नई पहचान
*राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय द्वारा प्रो.एस.एन. बोस राज्य स्तरीय स्मृति कार्यक्रम आयोजित*
*प्राचीन विज्ञान परम्परा को पुनः स्थपित किया जाना आवश्यक : प्रो.एस के सिंह, कुलपति*
जयपुर, 21 अक्टूबर। विज्ञान भारती राजस्थान द्वारा भारत की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में “भारत के स्वतंत्रता संग्राम में वैज्ञानिकों और वैज्ञानिक संस्थानों का योगदान: प्रो. एस.एन. बोस” नामक एक दिवसीय कार्यक्रम राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय (आरटीयू) के संरक्षण में 21 अक्टूबर, 2023 को जयपुर के कूकस में आर्या कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड आईटी में संपन्न हुआ। विश्वविद्यालय के सहायक जनसंपर्क अधिकारी विक्रम राठौड़ ने बताया कि इस कार्यक्रम के आयोजन में राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय (आरटीयू) – कोटा, बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय (बीटीयू) -बीकानेर, राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूआर) और श्री करण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय- जोबनेर का महत्वपूर्ण सहयोग प्राप्त हुआ। यह कार्यक्रम भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा आज़ादी के अमृत महोत्सव श्रृंखला के अंतर्गत प्रायोजित था। इस भव्य आयोजन में सीरी -पिलानी, एनआईटीटीटीआर-चंडीगढ़, आईसीएआर-डीआरएमआर-भरतपुर, एनआईए-जयपुर और एमएनआईटी-जयपुर जैसे संस्थानों ने ज्ञान सहयोगी की भूमिका निभाई।
प्रथम सत्र का उद्घाटन दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ शुरू हुआ। डॉ. मेघेंद्र शर्मा जी और इंजी. अनुराग अग्रवाल जी द्वारा सभी अतिथियों का साफा और शाल द्वारा स्वागत किया गया। आर्या कालेज के छात्र और छात्राओं द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम के सम्पूर्ण परिचय का दायित्व विज्ञान भारती राजस्थान के सचिव डॉ. मेघेन्द्र शर्मा जी द्वारा संम्पन हुआ। *कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रोफेसर टी.जी. सीताराम ने अपने उद्द्बोधन में कहा कि महिला शक्ति का विज्ञान और प्रौद्योगिकी में योगदान पर बल दिया और विज्ञान के विविध क्षेत्रों में भारत के विकास को रेखांकित किया। प्रत्येक क्षेत्र में अर्टिफिकैल इंटेलिजेंस की बढ़ती प्रगति पर भी उन्होंने ध्यान आकर्षित किया।
*कुलपति प्रो. एस के सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि* हमारे देश के वैज्ञानिकों वैज्ञानिको ने भारतीय गौरव और सांस्कृतिक परंपराओं को वैश्विक स्तर पर नई पहचान दी हैं और प्राचीन विज्ञान परम्परा को फिर पुनः स्थपित किया हैं। आज के परिदृश्य में तकनीकी शिक्षा के विद्यार्थियों को भारत की महान वैज्ञानिक विरासत और सांस्कृतिक समृद्धि से जोड़ने कि आवश्यकता है। प्रो. बोस की जीवन यात्रा को उजागर करने के लिए, विज्ञान भारती ने वैज्ञानिक समुदाय के साथ-साथ आम लोगों के बीच जागरुकता पैदा करने के लिए साझेदार संस्थानों के साथ पहल की है जो कि सराहनीय है। इस आयोजन से भारतीय संस्कृति, समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण का व्यापक प्रचार-प्रसार होगा। यह कार्यक्रम कॉलेज और स्कूल के शिक्षकों के लिए विज्ञान शिक्षा को समृद्ध करेगा। प्रो एसएन बोस के जीवन और कार्य का सम्मान देने का यह सेवा प्रकल्प विद्यार्थियों को अपनी संस्कृति के प्रति जोड़ने में सहायक सिद्ध होगा।
आर्य कॉलेज में संपन्न इस कार्यक्रम में प्रतिष्ठित शैक्षणिक हस्तियों, वैज्ञानिक समुदाय और सरकारी निकायों के प्रतिनिधियों सहित उल्लेखनीय हस्तियों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथिओ आरटीयू के कुलपति प्रो. एस.के. सिंह, पूर्व महानिदेशक मौसम विज्ञान, भारत सरकार डॉ. एल.एस. राठौड, विज्ञान भारती के राष्ट्रीय सचिव श्री. प्रवीण रामदास जी, बीटीयू के कुलपति प्रोफेसर अंबरीश एस विद्यार्थी, एसकेएनएयू – जाबनेर के कुलपति प्रोफेसर बलराज सिंह, एनआईए के कुलपति प्रोफेसर संजीव शर्मा, राजस्थान यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रोफेसर अल्पना कटेजा और जेएनवीयू के पूर्व कुलपति प्रोफेसर पी.सी. त्रिवेदी ने कार्यक्रम के महत्व पर बल दिया।
साथ ही उन्होंने भारत के इतिहास में विज्ञान और स्वतंत्रता के विषय पर अपने अपने विचार रखे, जिससे देश की आजादी के ऐतिहासिक संघर्ष और वैज्ञानिकों द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका की जन मानस में गहरी समझ विकसित की जा सके। यह कार्यक्रम प्रतिभागियों के लिए विशेषज्ञों के साथ जुड़ने, सीखने और प्रोफेसर एस.एन. बोस की जीवन से प्रेरणा लेने का एक अनूठा अवसर साबित हुआ
इस कार्यक्रम में प्रतिष्ठित व्यक्तियों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए, लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया, इनमे डॉ. एल.एस. राठौड़ (पूर्व महानिदेशक, आईएमडी), डॉ. आर.एस. परोदा (पूर्व महानिदेशक, आईसीएआर, भारत सरकार), और डॉ. एन.के. जोशी (पूर्व वरिष्ठ वैज्ञानिक, बीएआरसी मुंबई) , शिक्षाविद श्रीमती लता रावत कैंब्रिज कोर्ट स्कूल ग्रुप, प्रो ऋषि सिंघल HoD फिजिक्स ,राजस्थान विश्वविद्यालय शामिल थे। इसके अलावा देश के कई प्रतिष्ठित लोगों को भी इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण भारत के प्रख्यात वैज्ञानिकों और वैज्ञानिक संस्थानों पर आधारित प्रदर्शनियाँ थी । इसके अलावा स्कूल और कॉलेज के छात्रों द्वारा परियोजनाएं और नवाचार मॉडल का प्रदर्शन भी किया गया। देश के प्रतिष्ठित संस्थानों जैसे सीएसआईआर-सीईईआरआई-पिलानी, कृषि विज्ञान केंद्र, आईसीएआर-डीआरएमआर-भरतपुर ने भी अपने कार्यो को आम जन तक पहुंचने के लिए प्रदर्शनियाँ लगायी थी । इन प्रदर्शनियों का आनंद आगंतुकों ने पूरे दिन लिया। आगंतुक छात्रों और छात्राओं को श्री एन.पी. राजीव, उपाध्यक्ष, एनआईएफ, और डॉ. बी. लाल गुप्ता द्वारा आयोजित एक विशेष सत्र देखने का भी अवसर मिला ।
सर्वाधिक आकर्षण विज्ञान शिक्षक सशक्तिकरण बैठक (STEM ) का था, जिसमे स्कूल और कॉलेज के शिक्षकों को नई शिक्षा नीति, स्टार्टअप और विज्ञान एवं इंजीनियरिंग के छात्रों को शिक्षित करने के लिए विभिन्न शैक्षिक तरीको की जानकारी प्रदान गयी । छात्रों को डॉ. आर.एस. परोदा, डॉ. एन.के. जोशी, डॉ. पी.सी. पंचारिया, प्रो. बी.आर. गुर्जर, प्रो. बी.एल. स्वामी, और डॉ. ए. लेनिन फ्रेड जैसे कई प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों और शिक्षकों के साथ जुड़ने का एक अनूठा अवसर भी प्राप्त हुआ। कार्यक्रम का संचालन विज्ञान भारती के वरिष्ठ सदस्यों शैलेश जैन जी, अंजु जी एवम शंकर बाबू जी ने किया। सभी प्रतियोगिताओ का मूल्यांकन कर विजेताओं को पुरस्कृत किया गया।