तीन लाख महिलाओं की आजीविका लॉक डाउन
करोड़ों रुपए का पापड़ कारोबार प्रभावित
बीकानेर। बीकानेर पापड़ भुजिया मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन द्वारा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बीकानेर में पापड़ उद्योग चालू करने के लिए भेजा है। एसोसिएशन के उपाध्यक्ष एवं हड़मान जी भुजिया वाले के रोहित कच्छावा ने बताया कि कोरोना के कहर ने उद्योग धंधो की कमर तोड़ रखी है। लॉकडाउन के चलते पापड़ उद्योग को बड़ा झटका लग रहा है। बीकानेर पापड़ उद्योग महिलाओं का उद्योग है जिसमें 3 लाख महिलाएं जुड़ी हुई है। यह उद्योग महिलाओं को घर बैठे रोजगार प्रदान करता है। जो उन्हें स्वाभिमान से जीवन यापन करने में भी मदद करता है। सहसचिव वेद प्रकाश अग्रवाल ने बताया कि सीमा क्षेत्रों में घर बैठे पापड़ बेलने का यह काम होता है। जो 22 मार्च से चल रहे लाॅक डाउन की वजह से बंद है। उनके परिवार की आजीविका कमाने का एकमात्र साधन है पापड़ उद्योग जो कि छिन गया है। रोजगार न होने की स्थिति के कारण इन परिवारों के हालात बहुत ही दयनीय हो गए हैं। अध्यक्ष घेवरचंद मुसर्फ़ के अनुसार प्रमुख औद्योगिक इकाईयों में शुमार यह उद्योग ठप होने से करोड़ों रुपए का कारोबार प्रभावित है। बीकानेर में बनने वाला पापड़ देश के कौने कौने में पसंद किया जाता है। पापड़ तलाई करके या सिकाई करके खाया जाता है। पापड़ की बटाई के बाद इसे सूखने के लिए रखा जाता है। इसे कारखानों पर पहुँचने में इतना समय लग जाता है कि संकमण की संभावना नहीं रहती । बीकानेर में बड़ी मात्रा में रोजाना पापड़ प्रदेश के अलावा अन्य राज्यो मे सप्लाई किया जाता है, लेकिन इन दिनों पापड़ उत्पाद पूरी तरह से बंद होने के कारण पापड़ बनाने वाली महिलाओं के सामने आजीविका संकट आ गया है। बीकानेर पापड़ भुजिया मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन आग्रह करती है पापड़ उद्योग चालू करने की अनुमति प्रदान कर इस उद्योग से जुड़ी महिलाओं की आजीविका चालू करने में सहयोग करे।