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पान गुटका व्यवसायी परेशान, पान मर्चेन्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष किराड़ू के नेतृत्व में बातचीत

बीकानेर। बनारस, पश्चिमी बंगाल के बाद बीकानेर में सर्वाधिक पान, गुटका व सुपारी खाने का लोगों का व्यसन है। लाॅक डाउन, कफ्यू और गुटका-जर्दा पर सरकारी पाबंदी से पान व गुटका के लगभग 7 हजार लघु व्यवसायी बेरोजगार हो गए है। उनकी रोजी रोटी के लाले पड़ रहे है। वर्तमान में रिश्तेदारों व मेल मुलाकात के लोगों से उधारी लेकर दो जून की रोटी का जुगाड़ बिठा रहे है। वहीं कई स्वयं सेवी संस्थाओं के सहयोग से अपना तथा अपने परिवार का पेट पाल रहे है। नगर निगम की ओर से स्ट्रीट बाईंडरों में भी इन्हे शामिल नहीं किया गया है।  ब्राह्मण, माली आदि जातियों के अधिक होने के कारण इनको गेहूं आदि की सरकारी सहायता भी नहीं मिल रही है।
बीकानेर पान मर्चेन्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष शिव कुमार किराडू के नेतृृत्व में संगठन के महामंत्री भंवर लाल साध और कोषाध्यक्ष कन्हैयालाल सेवग आदि संगठन के पदाधिकारी नियमित प्रशासनिक अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों से बातचीत कर राहत दिलवाने का प्रयास कर रहे है लेकिन इनके आर्थिक सहयोग का कोई रास्ता नहीं निकला है। संगठन के कन्हैयालाल सेवग ने बताया कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, नगर निगम के अधिकारियों मजदूर दिवस पर शुक्रवार को  बातचीत कर सहयोग की अपील की।

25 हजार रुपए के पान हुए खराब
सेवग ने बताया कि एकाएक लाॅक डाउन व उसके बाद कर्फ्यू के कारण उनका करीब  25 हजार रुपए का पान सूखकर खराब हो गए। ऐसे ही कई कर्फ्यू इलाकों की दुकानों में रखी पान मसालों की सामग्री खराब हो गई। पिछले डेढ़ माह से दुकानें बंद होने से हर गली मोहल्ले व बाजारों में  गुटका व जर्दा बेचकर अपनी आजीविका चलाने वाले लोगों को वर्तमान में भयंकर आर्थिक संकट झेलना पड़ रहा है।
बीकानेर में गुटका व पान मसाला के  10-12 बड़े व्यवसायी है। उनके द्वारा निर्धारित मूल्य ये चार से 8 गुना अधिक ब्लेक में गुटका जर्दा बेचने और कर विभाग व पुलिस के डर गुटका जर्दा बेचना ही बंद कर दिया है। चोरी छिपे कई परचून के लघु दुकानदार जर्दा व गुटका बेच रहे है। उनका कहना है कि पीछे से ही अधिक मूल्य पर आता है इसलिए उन्हें मजबूरन अधिक कीमत पर बेचना पड़ रहा है। संगठन ने मजदूर दिवस पर सरकार से लघु व्यवसाइयों को केन्द्र व राज्य सरकार ने रियायती दर पर खाद्य सामग्री, करीब 5 हजार रुपए की आर्थिक सहायता सुलभ करवाने की मांगी है। 

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