कृषि में आमदनी बढ़ाने के साथ आय के अतिरिक्त स्रोतों की आवश्यकता है – कुलपति दीक्षित
एसकेआरएयू में राष्ट्रीय संगोष्ठी संपन्न
बीकानेर। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर में कृषकों की आय वृद्धि हेतु कृषि में विविधीकरण विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी मंगलवार को संपन्न हो गई। समापन सत्र के मुख्य अतिथि महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय बीकानेर के कुलपति प्रोफेसर मनोज दीक्षित ने कहा कि भारत में औसत किसान की आमदनी कम है। किसानों के पास छोटी जोत लायक कृषि यंत्र नहीं होने के कारण कृषि उत्पादन की लागत को कम करने में हम सफल नहीं हो पाए हैं। उन्होंने कहा कि कृषि में आमदनी बढ़ाने के साथ-साथ आदानों की लागत कम करने, आय के अतिरिक्त स्रोत यथा पशुपालन, मशरूम उत्पादन, मछली पालन, ट्राइकोडर्मा इकाई, केंचुआ खाद उत्पादन, कृषि उत्पादन का मूल्य संवर्धन करने आदि की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय कृषि नीति बनाने में अपने अनुसंधानों को साझा करना चाहिए। कुलपति डॉ अरुण कुमार ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि संगोष्ठी में पशु आहार बैंक बनाने का सुझाव आया है जिस हेतु साईलेज बनाने की प्रक्रिया को किसानों तक पहुंचाना होगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केंद्र किसानों को उनके उत्पादों का उचित मूल्य दिलवाने के लिए किसान उत्पादक संगठन बनाने में सहयोग कर रहे हैं ताकि ई मार्केटिंग पर अपने उत्पाद बेचकर अच्छी आय प्राप्त कर सकें।
संगोष्ठी संयोजक डॉ. आई.पी. सिंह ने कहा कि इस संगोष्ठी में पांच सत्रों में वैज्ञानिकों व शोधार्थियों ने 40 मौखिक पत्र वाचन वह पांच 50 पोस्ट प्रदर्शन किये। संगोष्ठी में डॉ. बलराज सिंह, कुलपति श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर ने वर्चुअल मोड पर संबोधित करते हुए मिलेट्स के उत्पादन व प्रसंस्करण द्वारा किसानों की आय वृद्धि पर व्याख्यान दिया। संगोष्ठी में विभिन्न पत्र वाचन में यह बात सामने आई कि आमदनी बढ़ाने के लिए किसानों को लो टनल व संरक्षित खेती कर अगेती फसल लेकर आय बढ़ानी चाहिए।
राष्ट्रीय उष्ट अनुसंधान केंद्र बीकानेर के निदेशक डॉ. ए. साहू ने कहा कि रेगिस्तानी इलाकों में उष्ट्र आधारित पारिस्थितिकी पर्यटन को बढ़ावा देना चाहिए। संगोष्ठी में अनुसंधान निदेशक डॉ. पी. एस. शेखावत, कृषि महाविद्यालय मण्डावा के अधिष्ठाता डॉ. एस.एम कुमावत, कृषि महाविद्यालय श्रीगंगानगर के अधिष्ठाता डॉ. विजय प्रकाश, सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय बीकानेर की अधिष्ठाता डॉ. विमला डुंकवाल, काजरी बीकानेर के अध्यक्ष नवरतन पंवार, डॉ. पी. के. यादव, ड़ॉ. वी. एस. आचार्य आदि ने भी अपने विचार रखे।
ये हुए पुरस्कृत: संगोष्ठी में बेस्ट यंग साइंटिस्ट का अवार्ड मृदा वैज्ञानिक डॉ. सुशील खारिया को दिया गया। मौखिक पत्र वाचन में प्रत्येक थीम में सर्वश्रेष्ठ वक्ता को पुरस्कृत किया गया। पुरस्कृत वैज्ञानिक हैं- नियाम जयपुर के डॉ. अनूप मंगलसेरी, डॉ. सीमा त्यागी, डॉ. केशव मेहरा एवं डॉ. डी. एस. शेखावत, डॉ. आर. एस. शेखावत तथा डॉ प्रियंका गौतम। पोस्ट प्रदर्शन हेतु विभिन्न सत्रों में सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार प्रियंका कुमावत, रवीना, बृजेंद्र सिंह यादव, नीतू चौधरी व चेतन शर्मा को दिए गए।