सीएम ने एसएचजी संचालित प्रदेश की पहली ‘मोरिंग प्रोसेसिंग यूनिट’ के उत्पाद किए लांच
*जिला कलक्टर की पहल पर स्थापित की गई यूनिट, महिला सशक्तीकरण की दिशा में हुई महत्वपूर्ण पहल*
बीकानेर, 18 अगस्त। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को जयपुर में आयोजित सखी सम्मेलन के दौरान राजीविका के स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा स्थापित प्रदेश की पहली ‘मोरिंगा प्रोसेसिंग यूनिट’ के उत्पाद लांच किए। मुख्यमंत्री ने इसे महिला सशक्तीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण बताया। इंदिरा गांधी महिला शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना के तहत 60 लाख रुपये की लागत से यह इकाई बीठनोक में स्थापित की गई है।
जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि सहजन के पौधे को सुपरफूड माना जाता है। इसमें अनेक प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं तथा यह तीन सौ प्रकार की बीमारियों को दूर करने में सहायक है। वैज्ञानिक शोध के अनुसार इसमें दूध से 17 गुणा अधिकार कैल्सियम, केले से 15 गुणा अधिक पोटेशियम, गाजर से 10 गुणा अधिक विटामिन, पालक से 25 गुणाा अधिक आयरन तथा दही से 9 गुणा अधिक प्रोटीन पाया जाता है। डायबिटीज और ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए यह अत्यधिक लाभदायक होता है।
इन सभी विशेषताओं के मद्देनजर जिले में आंगनबाड़ी केन्द्रों की पोषण वाटिकाओं में सहजन के पौधे लगाए जा रहे हैं। शक्ति अभियान के तहत बेटी के जन्म पर सहजन के पौधे वितरित किए जा रहे हैं। वहीं चारागाहों में भी सहजन के पौधे प्राथमिकता से लगाए गए। जिससे आमजन में सहजन के उपयोग के प्रति जागरुकता हो। इसके साथ ही सहजन के पौधे से मूल्य संवर्धित उत्पाद बनाने तथा इनके विपणन के लिए कार्ययोजना बनाई गई। इसके तहत राजीविका के श्री बालाजी राजीविका महिला सर्वांगीण विकास सहकारी समिति लिमिटेड बीठनोक का चयन इस प्रोसेसिंग यूनिट के लिए किया गया।
जिला कलक्टर ने बताया कि एसएचजी की महिलाओं को 11 से 13 नवंबर तक गुजरात के आनंद जिले का एक्पोजर विजिट करवाया गया तथा यहां की स्वरा न्यूट्रा फूड ग्रुप्स द्वारा इन महिलाओं को सहजन फली व पतियों से मोरिंगा पाउड, प्रोटीन पाउडर, मोरिंगा ग्रीन टी, मोरिंगा सूप, मोरिंगा बाथ सोप, जैल, कैंडी और चाकलेट आदि बनाने की जानकारी दी। साथ ही स्वरा ग्रुप द्वारा सहजन के पौधे लगाने तथा प्रसंस्करण इकाई के संचालन का प्रशिक्षण भी दिया गया। इसके लिए दोनों के मध्य एमओयू किया गया।
जिला प्रशासन द्वारा कोलायत की चारागाह भूमि में सहजन के पौधे लगाए गए। प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना के लिए बीठनोक ग्राम पंचायत का भवन समूह को उपलब्ध करवाया गया। चारागाह भूमि पर मुख्यमंत्री नवाचार निधि के माध्यम से 15 लाख रुपये की लागत से ट्यूबवेल खुदवाया गया, जिससे पानी की कमी नहीं रहे। उन्होंने बताया कि गत 13 अप्रैल को इस यूनिट की स्थापना की गई तथा यहां मोरिंगा और ड्रमस्टिक पाउडर तैयार किया जाने लगा। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को इन्हीं उत्पादों को लांच किया।
जिला कलक्टर ने बताया कि इस प्रयास से समिति से जुड़े तीन हजार परिवारों की आजीविका में बढोतरी होगी। वहीं चारागाहों में विकसित पौधों के माध्यम से सहजन की पत्तियां और फलियां मिल सकेंगी। उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायतें भी सहजन के पौधे लगाकर अतिरिक्त आय का साधन बना सकेंगी। जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी नित्या के. ने बताया कि समूह द्वारा यह उत्पाद बीकाणा राजीविका फूड प्रोडक्ट नाम से तैयार किए जाएंगे। इन्हें विभिन्न स्टॉल्स के अलावा अमेजन एवं इंडिया मार्ट जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से भी विक्रय किया जाएगा।
जयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को समूह की मंजू देवी ने पूरी योजना से जुड़ा प्रस्तुतीकरण दिया। इस दौरान ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री रमेश मीणा, मुख्य सचिव उषा शर्मा, अतिरिक्त मुख्य सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग श्री अभय कुमार, शासन सचिव ग्रामीण विकास विभाग श्रीमती मंजू राजपाल भी मौजूद रहे। इस दौरान राजीविका के जिला प्रबंधक राजेन्द्र बिश्नोई के नेतृत्व में एसएचजी की महिलाओं ने सम्मेलन में भागीदारी निभाई।