विफा : 30 अप्रैल को गुरु पुष्य नक्षत्र विशेष योग, करें महामारी नाशक मंत्र का जाप
विफा के एक करोड़ मंत्र जाप की पूर्णाहुति आज
TID NEWS BIKANER. विप्र फाउंडेशन के आरोग्य सिद्धि अनुष्ठान के तहत किए जा रहे दुर्गा सप्तशती के महामारी नाशक मंत्रों की पूर्णाहुति आद्य शंकराचार्य की जयंती पर मंगलवार को दोपहर 12.15 बजे तक सभी विप्र बन्धु अपने अपने स्थानों पर करेंगे। आरोग्य सिद्धि दिवस अनुष्ठान के संयोजक देवेंद्र सारस्वत ने बताया कि पुर्णाहुति में कोरोना के चलते सभी संकल्पकर्ताओ की तरफ से अपने अपने स्थानों पर लोकडाउन्न का पालन करते हुए सोशल डिस्टेंस रखते हुए अपने- अपने घरों पर ही पुर्णाहुति करेंगे।
विफा के आरोग्य सिद्धि अनुष्ठान के प्रधान आचार्य रहे रैवासा पीठाधीश्वर राघवाचार्य जी महाराज वेदांती ने सभी संकल्पकर्ता से आव्हान किया कि 30 अप्रैल को गंगा सप्तमी को ऊँ जयंती मंगला काली…इसी महामारी नाशक मंत्र की एक-एक माला जाप अवश्य करें क्योंकि इस दिन गुरु पुष्य नक्षत्र के कारण विशेष फलदायी योग हैं। मंत्र अनुष्ठान में शामिल नहीं हुए सनातनी भी माला जाप कर अपनी भागीदारी जोड़ सकते हैं।
प्रदेश अध्यक्ष भँवर पुरोहित ने बताया कि मंत्र जाप का श्रीगणेश 25 अप्रैल को परशुराम जयंती के दिन रैवासा से ही किया गया था और पूर्णावती 28 अप्रैल को होगी । जिसमे पूरे देशभर में 1 करोड़ मंत्रो का जाप व बीकानेर में विप्र बन्धुओ द्वारा सवा दस लाख मंत्रो का लक्ष्य बीकानेर में 11 लाख 64,000 मंत्रो का जप हुआ कल इसकी पूर्णावती होगी।
जिलाध्यक्ष धनसुख सारस्वत ने कहा कि बीकानेर जिले के कार्यकर्ताओं द्वारा अपने संकल्पनुसार जरुरतमंदो के लिए राशन सामग्री का वितरण भी जारी है।
वीसीसीआई के प्रभारी सुधीर शर्मा ने बताया कि बीकानेर में संवित सोमगिरी जी महाराज के पावन आशीष से ज्योतिषाचार्य पं. पुरूषोत्तमदास आचार्य पं. श्रवण कुमार व्यास, मिलन पुरोहित महेशकुमार पुरोहित, विष्णु दत्त पुरोहित, डॉ प्रीति गुप्ता, आयुर्वेदाचार्य पं. रामकुमार व्यास, कोच साहब जयदेव आचार्य, डॉक्टर देवकृष्ण सारस्वत, आयुर्वेदाचार्य पुराण केशरी पं. गोपाल महाराज व्यास पं. भाईश्री श्रीमद्भागवत प्रवक्ता गिरधर जोशी, डॉक्टर योगेश व्यास, राजकुमार व्यास, भँवर सांखी, नंदकिशोर दड़िया, रमेश उपाध्याय, युवा अध्यक्ष दीपक जोशी, मनीष जाजड़ा, रमेश जाजड़ा व कैलाश आचार्य सहित प्रमुख विद्वानों व हजारों विप्र परिवार के सभी सदस्यों के माध्यम से मंत्रो का जाप व एक लाख थाली स्वरूप प्रसाद के लिए संकल्पित होकर आरोग्य सिद्धि दिवस को सफल बनाया।