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उत्तर-पश्चिम रेलवे जोन में अगले साल तक सारी गाडिय़ां विद्युतीकृत प्रणाली से संचालित होंगी : जीएम विजय शर्मा

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विद्युतीकरण रेलवे का मिशन

बीकानेर। उत्तर-पश्चिम रेलवे में जब भी इलेक्ट्रिफिकेशन (विद्युतीकरण) की बात होती है तो वह एक न केवल भारतीय रेलवे बल्कि उत्तर-पश्चिम रेलवे का मिशन है। जिसे वर्ष 2023-24 में अचीव कर लिया जाएगा और सम्पूर्ण जोन विद्युतीकृत होने के बाद सारी गाडिय़ां विद्युतीकरण से संचालित होगी। यह जानकारी गुरुवार को बीकानेर आए रेलवे के महाप्रबंधक (जीएम) विजय शर्मा ने विशेष बातचीत में दी। इस अवसर पर बीकानेरमंडल के मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) राजीव श्रीवास्तव व वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक (सीनियर डीसीएम) अनिल कुमार रैना भी मौजूद थे। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 4000 से अधिक रुट किलोमीटर विद्युतीकरण हो चुका है और शेष इलेक्ट्रिफिकेशन का कार्य 2023-24 तक पूर्ण कर लिया जाएगा। वर्तमान में कुछ गाडिय़ों का संचालन भी विद्युतीकरण से हो रहा है और निश्चित ही अगले साल तक उत्तर-पश्चिम रेलवे पर संचालित होने वाली लगभग सारी गाडिय़ां विद्युतीकरण सेक्शन से ही चलेंगी। बीकानेर में चल रहे रेलवे के विकास कार्यों का जायजा, निरीक्षण करने आए रेलवे जीएम ने यह भी कहा कि पुष्कर-मेड़ता रेलवे लाईन का सर्वे चल रहा है, आगामी डेढ़-दो महीने में पता चल जाएगा।

महाप्रबंधक उत्तर पश्चिम रेलवे विजय शर्मा ने बीकानेर के मंडल प्रशिक्षण केंद्र का दौरा कर प्रशिक्षणार्थियों जो हाल ही में रोजगार मेले के अंतर्गत नवनियुक्त रेलकर्मी बने उनसे मुलाकात कर उनका उत्साहवर्धन भी करते हुए प्रशिक्षणार्थियों से बातचीत में उनके ज्ञान को परखा तथा प्रशिक्षणार्थियों ने भी अपना अनुभव साझा किया। महाप्रबंधक ने मंडल कार्यालय के सभाकक्ष में बीकानेर मंडल पर चल रहे विभिन्न परियोजनाओं जिनमें अमृत भारत स्टेशन योजना तथा रेल विद्युतीकरण शामिल है, की प्रगति के संबंध में एक समीक्षा बैठक ली जिसमें बीकानेर मंडल गति शक्ति गई निर्माण विभाग तथा रेल विद्युतीकरण विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

यहां से रेलवे जीएम मंडल के अधिकारियों तथा रेल विद्युतीकरण विभाग एवं निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ राजियासर विद्युत सबस्टेशन का निरीक्षण, सूरतगढ़ थर्मल पावर बिरधवाल के नए बन रहे यार्ड एवम उसके विद्युतीकरण कार्य का निरीक्षण करने के लिए रवाना हो गए।

कोरोनाकाल से पहले चलने वाली चंडीगढ़ के लिए व बीकानेर-हरिद्वार ट्रेन चलाने का मुद्दा उठा

कोरोनाकाल से पहले बाड़मेर-कालका चलने वाली ट्रेन चंडीगढ़ जाती थी, साथ ही साथ बीकानेर से शिमला जाने वाले भी कालका पहुंचकर वहां से शिमला, मनाली जाते थे लेकिन कोरोनाकाल के बाद यह ट्रेन बंद हो गयी वहीं बीकानेर से पुरी के लिए चलने वाली ट्रेन के रेक को बीकानेर-हरिद्वार बनाकर भेजा जाता था जो कोरोनाकाल के बाद से बंद ही है। महाप्रबंधक विजय शर्मा से पूछा गया कि जबकि बीकानेर से चंडीगढ़ के लिए प्रतिदिन यात्री भार भी है साथ ही साथ हरिद्वार के लिए चलने वाली ट्रेनों में फुल वेटिंग है इसके लिए बीकानेर-पुरी के खाली रैक को बीकानेर-हरिद्वार वाया दिल्ली चलने वाली ट्रेन को पुन: चलाया जाए चूंकि यह ट्रेन पहले चलती थी। यात्रियों को एक ओर ट्रेन मिलने से हरिद्वार-ऋषिकेश जाने वाले यात्रियों को अलग से ट्रेन मिलने से बर्थ मिल सकेंगी और चंडीगढ़ जाने वालों के लिए भी रास्ता आसान हो जाएगा।

प्रतिदिन चलें दूरंतो- हरिद्वार ट्रेनें, इंटरसिटी की मांग

रेलयात्री सेवा सुविधा समिति के अध्यक्ष वेदप्रकाश अग्रवाल ने रेलवे महाप्रबंधक विजय शर्मा से बीकानेर से सियालदह तक चलने वाली दुरंतो एक्सप्रेस को प्रतिदिन चलाने, सप्ताह में तीन दिन तक चलने वाली बीकानेर-हरिद्वार वाया हिसार ट्रेन को प्रतिदिन चलाने की मांग की है। साथ ही साथ बीकानेर से अमृतसर हेतु बीकानेर-अमृतसर गरीब रथ ट्रेन अतिशीघ्र शुरु करने, बीकानेर से दिल्ली के मध्य इंटरसिटी ट्रेन चलवाने की मांग की है। इसके अलावा अग्रवाल ने बीकानेर रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 6 पर लिफ्ट लगाने व एसकेलेटर मशीन लगाने की मांग भी की है।

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