इस दिन बीकानेर आएंगे शिक्षा मंत्री डॉ. कल्ला
बीकानेर, 21 मार्च। शिक्षा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला बुधवार रात्रि जयपुर से प्रस्थान कर गुरुवार प्रातः 4:10 बजे बीकानेर पहुंचेंगे। डॉ. कल्ला यहां स्थानीय कार्यक्रमों में भाग लेने के पश्चात रात्रि 11.20 बजे रेल मार्ग द्वारा जयपुर के लिए प्रस्थान करेंगे।
*राजस्थान पशुचिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह आयोजित*
*पशुपालकों की उन्नति के लिए योजनाबद्ध ढंग से कार्य किए जाने की आवश्यकता- राज्यपाल*
जयपुर/बीकानेर, 21 मार्च। राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री कलराज मिश्र ने पशुपालकों की उन्नति और उनकी आय में वृद्धि के लिए योजनाबद्ध ढंग से कार्य किए जाने की आवश्यकता जताई है। उन्होंने पशुचिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के अतंर्गत इस तरह के पाठ्यक्रम विकसित किए जाने पर जोर दिया जिससे पशुधन संरक्षण के साथ ही इनके उत्पादों के पोषण में भी गुणात्मक वृद्धि हो।
राज्यपाल श्री मिश्र मंगलवार को राजस्थान पशुचिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में राजभवन से ऑनलाइन सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पशु-धन संरक्षण से जुड़े परम्परागत मूल्यों का आधुनिकता से मेल कराते हुए इस क्षेत्र में उपचार की नवीन पद्धतियों का विकास करना होगा, तभी दवाओं व अन्य तत्वों की अधिकता से पशुधन और पशु उत्पादों पर होने वाले दुष्प्रभावों से बचा जा सकता है।
राज्यपाल ने कहा कि वर्ष 1951 में जब भारत में दूध का उत्पादन 17 एमएमटी ( मिलियन मीट्रिक टन) था, तब अमेरिका में यह 53 एमएमटी था। परन्तु श्वेतक्रांति की बदौलत वर्ष 2021 आते-आते अमेरिका के 102 एमएमटी की तुलना में भारत में दुग्ध उत्पादन 220 एमएमटी तक पहुंच गया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2003-2004 में अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व काल में भी दुग्ध प्रसंस्करण क्षेत्र के उदारीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण प्रयास हुए थे। आज भी देशभर में सहकारिता के क्षेत्र में पशुपालकों को इसका निरंतर लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि छोटे दुग्ध उत्पादकों से देश में हुई इस सहकार क्रांति को और आगे बढ़ाने की जरूरत है।
राज्यपाल श्री मिश्र ने कहा कि राज्य के एकमात्र पशु चिकित्सा एवं पशुविज्ञान विश्वविद्यालय के रूप में इस विश्वविद्यालय ने अपनी अलग पहचान बनाई है। उन्होंने सुझाव दिया कि विश्वविद्यालय को पशुधन संरक्षण के साथ ही उत्पादकता वृद्धि के आधुनिक तरीकों, पशु उत्पादों के प्रसंस्करण, विपणन आदि के क्षेत्र में भी नवीन पाठ्यक्रम शुरू करने चाहिए। उन्होंने कहा कि पशु विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से किसान व पशुपालकों तक नवीनतम उन्नत वैज्ञानिक तकनीकों की सरल व सहज जानकारी हस्तांतरित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि पशुचिकित्सा और पशु विज्ञान पुरुषों के वर्चस्व का क्षेत्र माना जाता रहा है, किन्तु आज यहां 65 फीसदी पदक छात्राओं को मिलना एक शुभ संकेत है।
दीक्षांत अतिथि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के पूर्व उपमहानिदेशक (पशु विज्ञान) प्रो. एम.एल. मदन ने कहा कि भारत की कृषि पशुधन आधरित है। देश में मानव जनसंख्या के मुकाबले पशुधन की संख्या आधी है, जबकि राजस्थान में पशुधन की संख्या जनसंख्या की तुलना में दोगुनी है। उन्होंने इस स्थिति का लाभ उठाने के लिए पशुपालकों को अधिकाधिक सुविधाएं दिए जाने का सुझाव दिया।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के उपमहानिदेशक (पशु विज्ञान) डॉ. बी.एन. त्रिपाठी ने कहा कि पशु चिकित्सा विज्ञान से जुड़े विशेषज्ञों और विद्यार्थियों को पशु स्वास्थ्य के क्षेत्र में सामने आ रही नई चुनौतियों के लिए तैयार रहने की जरूरत है।
कुलपति प्रो. सतीश कुमार गर्ग ने विश्वविद्यालय का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए विद्यार्थियों की अकादमिक एवं सह- शैक्षणिक उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी । उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में देशी गोवंश की नस्लों राठी, थारपारकर, गिर, साहीवाल, कांकरेज तथा मालवी के विकास के लिए निरंतर शोध कार्य किया जा रहा है ।
दीक्षान्त समारोह के अवसर पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले 21 विद्यार्थियों को पदक एवं 331 विद्यार्थियों को स्नातक, 96 को स्नातकोत्तर एवं 34 विद्यार्थियों को पीएचडी की उपाधियां प्रदान की गई। प्रो. एम.एल. मदन को इस अवसर पर विश्वविद्यालय की ओर से डॉक्टर ऑफ साइन्स की मानद उपाधि प्रदान की गई।
राज्यपाल ने समारोह के आरम्भ में भारतीय संविधान की प्रस्तावना और मूल कर्तव्यों का वाचन किया।
इस अवसर पर विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतिगण, विश्वविद्यालय प्रबंध मंडल एवं अकादमिक परिषद् के सदस्यगण, विश्वविद्यालय के शिक्षकगण एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।
*ऊर्जा मंत्री भाटी की अनुशंषा पर श्रीकोलायत में 144 लाख रुपये की लागत से 4 नए ट्यूबवेल स्वीकृत*
*ग्राम मोटावता, झझू, अक्कासर एवं खींदासर में होगा ट्यूबवेल निर्माण*
बीकानेर, 21 मार्च। ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी की अनुशंषा पर मुख्य अभियंता (ग्रामीण) जन स्वा. अभि. विभाग ने श्रीकोलायत विधानसभा क्षेत्र में 4 नवीन ट्यूबवेल निर्माण की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी की है।
ऊर्जा मंत्री भाटी ने बताया कि, इन ट्यूबवेल निर्माण के लिए 144 लाख 75 हजार रुपये की स्वीकृति जारी की गई है। इनमें ग्राम मोटावता में 36.81 लाख रुपये, झझू में 37.56 लाख, अक्कासर में 41.21 लाख तथा खींदासर में 29.17 लाख रुपये की लागत से यह ट्यबवेल निर्माण किये जाएंगे।
इसके लिये उन्होंने मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत और जलदाय मंत्री महेश जोशी का आभार व्यक्त किया है।
मंत्री भाटी ने बताया कि आगामी ग्रीष्मकाल में क्षेत्रवासियों को पर्याप्त पेयजल आपूर्ति हो सके, इसके लिये वे निरन्तर प्रयासरत हैं। इसी क्रम में उन्होंने जलदाय मंत्री को ट्यूबवेल निर्माण के लिए अनुशंषा की थी। जिसके आधार पर यह स्वीकृतियां जारी की गई हैं। वहीं अन्य पेयजल संकट से ग्रसित ग्रामों के लिये भी नवीन ट्यूबवेल निर्माण स्वीकृति के और भी प्रस्ताव भिजवाए गए हैं। इनके लिए स्वीकृति जारी करवाये जाने हेतु सतत प्रयास किये जा रहे हैं।
*सीएमएचओ ने लखासर पीएचसी का किया निरीक्षण*
बीकानेर, 21 मार्च। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मोहम्मद अबरार पंवार ने मंगलवार को लखासर के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का निरीक्षण किया।
उन्होंने अस्पताल की ओपीडी और आईपीडी की जानकारी ली। दवा वितरण एवं जांचों के बारे में जाना और कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना का प्रचार-प्रसार किया जाए। डोर टू डोर संपर्क करते हुए शत प्रतिशत पंजीकरण सुनिश्चित किया जाए।
उन्होंने पुकार अभियान के तहत आयोजित हो रही मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य एवं पोषण पाठशालाओं के बारे में जानकारी ली और कहा कि यह बैठकें नियमित रूप से आयोजित की जाएं। क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं की नियमित ट्रेकिंग की जाए। उन्होंने मौसमी बीमारियों के मद्देनजर विशेष ध्यान देने के लिए निर्देशित किया। अस्पताल में साफ सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कार्मिकों की उपस्थिति के बारे में जानकारी ली।