कर्मचारियों ने सुनाई और शिक्षा मंत्री डॉ कल्ला ने सुनी भी…
शिक्षा विभागीय कर्मचारी संघ एवं शिक्षा मंत्री के बीच विभिन्न मुद्दों पर हुई चर्चा
बीकानेर । शिक्षा विभागीय कर्मचारी संघ राजस्थान-बीकानेर के प्रदेशाध्यक्ष कमल नारायण आचार्य के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल द्वारा शिक्षा मंत्री डॉ बीडी कल्ला से बीकानेर में उनके निवास पर मिलकर वार्ता की। साथ ही ज्ञापन सौंप कर मांगें भी रखी। मंत्री डा कल्ला ने उनकी बातों को सुना भी। संघ के प्रदेशाध्यक्ष कमल नारायण आचार्य ने मंत्री कल्ला से कहा कि
1- समस्त मण्डल अधिकारियों द्वारा कनिष्ठ सहायक से वरिष्ठ सहायक पदों पर पदोन्नति हो गई है परन्तु अभी तक पदस्थापन आदेश जारी नहीं किये गये है अतः पदस्थापन आदेश तत्काल जारी किए जाएं ।
2- अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारियों (राजपत्रित) के अनुभाग आवंटन के आदेश निदेशक के निजी अनुभाग स्तर से अनुभाग स्तर से तत्काल जारी किए जाए।
3- कनिष्ठ सहायक से वरिष्ठ सहायक एवं वरिष्ठ सहायक से सहायक प्रशासनिक अधिकारी पदों पर पदोन्नत कार्मिकों का पदस्थापन शिक्षा निदेशालय में अनुभाग आवंटन सामान्य प्रशासन अनुभाग स्तर से तत्काल जारी किया जाए ।
इस हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए जाकर उक्त कार्यवाही तीन दिन में सम्पन्न कर संघ को अवगत कराने की पुरजोर मांग गई।
आचार्य ने बताया शिक्षा मंत्री का ध्यान आकृष्ट कर यह भी अनुरोध किया गया कि कोटपुतली (जयपुर) कोर्ट में एफआईआर संख्या 219/2016 दिनांक 24 दिसम्बर 2016 के क्रम में मामला चल रहा है, जो कि भारतीय दण्ड संहिता की धारा 306 के अन्तर्गत मुकदमा दर्ज है। इसमें शिक्षा विभाग जयपुर के कर्मचारी विरेन्द्र दाधीच, सुनील मोदी, गोविन्द वृन्दानी, अनुप व्यास, राजेश विजय एवं रेवंती रमण के नाम सम्मिलित हैं। इस प्रकरण में सुनवाई लगातार चल रही है, आगामी सुनवाई 16 मार्च 2023 को होनी है। इससे स्पष्ट है कि यह प्रकरण सब ज्युडिस है, अभी तक अन्तिम निर्णय इस पर नहीं हुआ है।
अतः ज्ञापन सौंपकर मांग की गई है कि –👇
1. उक्त प्रकरण में सम्मिलित कार्मिकों का डीपीसी चयन पुनरावलोकित कर रिजल्ट लिफाफे में बन्द किया जाए ।
2. कोर्ट में मामला निस्तारित होने तक पदौन्नत कार्मिक को पदावन्नत करने के आदेश प्रसारित किये जाए।
3. पुरस्कार एवं पदौन्नति मामलों में तथ्यों को छिपाने एवं तोड़-मरोड ़कर प्रस्तुत करने वाले समस्त अधिकारियों/कार्मिकों/स्तरों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करने हेतु एक उच्च स्तरीय जांच करवाई जाए।
कमल नारायण आचार्य ने बताया कि शिक्षा मंत्री ने सभी तथ्यों को ध्यान से सुन कर तत्काल प्रभावी कार्यवाही का आश्वासन दिया है।