चिकित्सा एवं शिक्षा पर किए जाना वाला खर्च जीवन भर की उपलब्धि बन जाता है : कलाल
मूंधड़ा ट्रस्ट को सौंपा जिला प्रशासन की ओर से अनुकरणीय सम्मान अलंकरण
बीकानेर। अर्थ उपार्जन करना मानवीय सिद्धांत है, लेकिन उपार्जित अर्थ को अपनी जन्मभूमि या कर्मभूमि को लौटाकर सही जगह खर्च करना ईश्वरीय वरदान से ही संभव हो पाता है। जिसका साक्षात उदाहरण श्रीमती सी एम मूंधड़ा मेमोरियल चेरिटेबल ट्रस्ट मुंबई ने बीकानेर जिले के 118 विद्युत विहीन विद्यालयों में विद्युत कनेक्शन के लिए आर्थिक सहयोग देकर दिया है। यह शब्द जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने मूंधड़ा ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी श्रीकिशन मूंधड़ा एवं ट्रस्ट प्रतिनिधि द्वारकाप्रसाद पचीसिया से शिष्टाचार मुलाक़ात के दौरान कहे। इस अवसर पर जिला प्रशासन द्वारा जारी अनुकरणीय सम्मान अलंकरण ट्रस्ट को सौंपा गया।
कलाल ने बताया कि डिजिटल इनिशिएशन फॉर क्वालिटी एज्युकेशन के तहत जिले के 118 स्कूल जिनमें स्मार्ट टीवी नहीं दिए जा सके ऐसी स्कूलों में विद्युत कनेक्शन करवाना बड़ी जिम्मेदारी थी जिसके लिए मूंधड़ा ट्रस्ट द्वारा सहयोग राशि उपलब्ध करवाई गयी और ट्रस्ट की इस पहल से सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की अनवरतता बनी रहेगी। साथ ही जिला कलक्टर कलाल ने ट्रस्ट द्वारा संभाग के मरीजों के हित के लिए बनाए जा रहे मेडिसिन विंग की भी प्रशंसा करते हुए बताया कि ट्रस्ट द्वारा चिकित्सा क्षेत्र में किए जाने वाला यह पुण्य कार्य पीढ़ियों तक स्मरण रहेगा।
जिला कलक्टर कलाल ने मूंधड़ा ट्रस्ट द्वारा कोरोना काल में जरूरतमंदों के लिए राशि उपलब्ध करवाने को लेकर भी ट्रस्ट का धन्यवाद ज्ञापित किया। मुख्य ट्रस्टी श्रीकिशन मूंधड़ा ने बताया कि ट्रस्ट का मुख्य उद्देश्य शिक्षा एवं चिकित्सा पर समाज से उपार्जित धन को समाज के लिए खर्च करना है और ट्रस्ट सदैव जिला प्रशासन के नवाचारों में हरसंभव सहायता करने को तत्पर रहेगा।