शिक्षक सिखाएं पहला सुख निरोगी काया का पाठ : डॉ अबरार
बीकानेर, 2 फरवरी। पहला सुख निरोगी काया (स्वस्थ शरीर) होता है और पहली शिक्षा भी काया को निरोगी रखने के लिए होनी चाहिए। इसलिए सभी भावी शिक्षक अपने विद्यार्थियों को स्वास्थ्य से संबंधित सामान्य अच्छी आदतों के बारे में अवश्य बताएं। यह कहना था मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मोहम्मद अबरार पवार का, वे नाल स्थित मां करणी बी एड कॉलेज के वार्षिकोत्सव अलंकार में बतौर मुख्य अतिथि विद्यार्थियों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य योजनाओं के माध्यम से राजस्थान सरकार महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने बालिकाओं को राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही पुकार एवं उड़ान योजनाओं के साथ-साथ चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना कभी अधिकाधिक लाभ उठाने की बात कही।
कार्यक्रम में बालिकाओं ने विभिन्न सांस्कृतिक एवं साहित्यिक गतिविधियों की भी प्रस्तुति दी। इससे पूर्व महाविद्यालय व्याख्याता पंकज आचार्य ने अतिथियों का स्वागत किया।कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि प्रेरक वक्ता तथा इंजीनियरिंग कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ गौरव बिस्सा ने भावी शिक्षकों को एक अच्छे शिक्षक के गुण बताते हुए उनका उत्साहवर्धन किया। इस अवसर पर रोटरी क्लब आद्या की पूर्व अध्यक्षा आईपीपी निशिता सुराणा ने कहा कि इस प्रकार की सह शैक्षिक गतिविधियों से भावी शिक्षिकाएं आने वाली पीढ़ी को भी साहित्यिक एवं सांस्कृतिक दृष्टि से समृद्ध बना सकती हैं।
अतिथियों ने महाविद्यालय के अकादमी के एवं अन्य गतिविधियों में स्थान बनाने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कार वितरित किए। अतिथियों का आभार महाविद्यालय प्राचार्य डॉ मुदिता पोपली ने व्यक्त किया। इस अवसर पर महाविद्यालय प्रवक्ता डॉ रितु श्रीमाली, रेणुका आचार्य, पंकज आचार्य, शिव छंगाणी, रेखा वर्मा, राकेश व्यास, डॉ पूनम मिड्ढा उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन प्रियंका कुमारी, कृताक्षी यादव और मुस्कान सिलावट ने किया।