ईसीबी : टेक्नो-कल्चरल कार्यक्रम ‘सृजन’ का हुआ रंगारंग समापन
सांस्कृतिक कार्यक्रम – स्टैंड-अप कॉमेडी और नृत्य ने मोहा मन, 400 से अधिक विद्यार्थियों ने दिखाई प्रतिभा
बतौर मुख्य अतिथि बीटीयू रजिस्ट्रार अशोक सांगवा ने ‘सृजन’ को प्रतिभा दर्शाने का सर्वश्रेष्ठ मंच बताया
टेक्नो इवेंट -असेम्बली इंजन शो में छात्रों ने सीखी 4 स्ट्रोक इंजन की प्रायोगिक प्रणाली
बीकानेर । इंजीनियरिंग कॉलेज बीकानेर में चल रहे दो दिवसीय टेक्नो-कल्चरल कार्यक्रम सृजन का बीटीयू रजिस्ट्रार अशोक सांगवा के मुख्य आतिथ्य में रंगारंग समापन हुआ। उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए ‘सृजन’ को प्रतिभा दर्शाने का सर्वश्रेष्ठ मंच बताया। सांगवा ने विद्यार्थी जीवन में अनुशासन को जीवन निर्माण के लिए आवश्यक बताया। विशिष्ठ अथिति बाड़मेर इंजीनियरिंग कॉलेज प्राचार्य डॉ. एस.के.विश्नोई थे।
प्राचार्य डॉ. मनोज कुड़ी ने विद्यार्थियों को इस तरह के कार्यक्रम में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने की नसीहत दी। कार्यक्रम संयोजक डॉ. प्रीती नरुका और डॉ. शिवांगी बिस्सा ने बताया कि सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान रैंप वाल्क, एकल नृत्य, समूह नृत्य, प्रतियोगिता, स्टैंड-अप कॉमेडी, और काव्य-पाठ प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का सञ्चालन डॉ. गरिमा प्रजापत ने किया। कार्यक्रम में स्पेशल परफॉरमेंस डॉ. श्रद्धा परमार, डॉ. चन्द्र शेखर राजोरिया, डॉ. धर्मेन्द सिंह, डॉ. जीतेन्द्र जैन और डॉ. अतुल गोस्वामी ने नृत्य और गायन प्रस्तुति दे कर किया।
ये रहे विजेता
कार्यक्रम कोऑर्डिनेटर डॉ. इंदु भूरिया और डॉ. महेंद्र भादू ने बताया कि एकल नृत्य में प्रथम स्थान पर प्रदीप रहे, समूह नृत्य में प्रथम स्थान पर प्रज्ञा और सोनू ग्रुप रहा, दूसरे स्थान परस्निग्धा और स्नेह पारीक ग्रुप रहा। स्टैंड-अप कॉमेडी में प्रथम स्थान पर कपिल दुसरे स्थान पर गितांश रहे। रैंप वाल्क में क्षितिज जैन प्रथम व ध्रुव शर्मा दूसरे स्थान पर रहे।
आयोजित हुआ असेम्बल इंजिन शो
टेक्नो इवेंट के समन्वयक डॉ. धर्मेन्द्र सिंह और डॉ. चन्द्रशेखर राजोरिया ने बताया कि जयपुर की आरएनएस इन्फोटेक द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड मशीन लर्निंग विषयक वर्कशॉप का आयोजन किया गया। ड्युनेक मोटर्स के इंजिनियर द्वारा असेंबली इंजन शो के दौरान कार, बस, और ट्रकों में काम आने वाले आईसी इंजन की प्रायोगिक प्रणाली से विद्यार्थी रूबरू हुए। इस दौरान इंजन के सभी भागों को खोलकर वापस असेम्बल करने की विधि बताई गयी।
इस दौरान हेकाथन प्रतियोगिता में ‘डीबगर’ टीम के देवेन्द्र परिहार एंड टीम ने प्रथम स्थान हासिल किया। इन्होंने क्रिमिनल आइडेंटिफिकेशन सॉफ्टवेर बनाकर क्रिमिनल फ्रॉड को रोकने सम्बन्धी उपाय दर्शाए।
दूसरे स्थान पर ई.आई.सी. विभाग के करण एंड टीम ने पहाड़ी क्षेत्र में ब्लाइंड स्पॉट्स पर एक्सीडेंट रोकने के लिए अल्ट्रा सोनिक सेंसर का उपयोग करते हुए वार्निंग सिस्टम बनाकर दुर्घटना अपेक्षित क्षेत्रों को एक्सीडेंट मुक्त करने के उपाय सुझाने का यंत्र बनाया।
हेकाथन में विद्यार्थियों ने बिना गियर के मोटर संचालन तकनीक इजाद की। इसके अलावा घरों में लगने वाली पानी की टंकी का सम्पूर्ण आटोमेटिक उपकरण, किसानों हेतु स्वचालित बीज रोपण मशीन, दिव्यंगों हेतु आटोमेटिक स्वचालित मशीन, थ्री पॉइंट बेन्डिंग मशीन, ड्रोन, ओपन फ्रिज वोर्किंग प्रणाली सहित कुल 30 प्रोजेक्ट्स का प्रदर्शन किया।
ये रहे कार्यक्रम में शामिल
इस दौरान कार्यक्रम में रजिस्ट्रार राजेंद्र सिंह, डॉ. गरिमा प्रजापत, सुभाष सोनगरा, रणजीत सिंह, अजय चौधरी, डॉ. विनीत राणा, डॉ. हरजीत सिंह, डॉ. नवीन शर्मा, डॉ. शौकत अली, डॉ. विकास शर्मा, जीतेन्द्र जैन, डॉ. ऋतुराज, डॉ. निशा श्रीवास्तव, रेखा स्वामी, डॉ. ऋचा यादव, डॉ. विजय मोहन, डॉ. चंचल कछावा, डॉ. मनिंदर नेहरा, मनोज छिम्पा, डॉ.अतुल गोस्वामी इत्यादि मोजूद रहे।