सूर्य: विज्ञान, संस्कृति एवं समाज विषयक राष्ट्रीय सेमिनार 28 को
बीकानेर । राजकीय डूंगर महाविद्यालय के बी.आई.आर.सी द्वारा बेस्ट प्रेक्टिस श्रृंखला के तहत नवाचार के रूप में सूर्य: विज्ञान, संस्कृति एवं समाज विषय पर 28 जनवरी को एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमीनार का आयोजन किया जा रहा है। इसके ब्रोशर का विमोचन प्राचार्य डाॅ. जी.पी. सिंह, सह निदेशक डाॅ. राकेश हर्ष, उपकुलसचिव डाॅ. बिठ्ठल बिस्सा, चेयरपर्सन डाॅ. सुषमा जैन, समन्वयक डाॅ. एच.एस. भंडारी, सह समन्वयक डाॅ. राजाराम एवं आयोजिन सचिव डाॅ. सत्यनारायण जाटोलिया द्वारा किया। पैटर्न व प्राचार्य डाॅ. जी.पी. सिंह ने स्वागत विमोचन में सूर्य को ऊर्जा का स्त्रोत बताते हुए कहा कि सभी संस्कृतियों एवं समाजों का प्रार्दुभाव सूर्य किरणों के उदय से होता है एवं सौर ऊर्जा एक प्रकार की प्राथमिक ऊर्जा है।
बी.आई.आर.सी के फांउडर डाॅ. नरेन्द्र भोजक ने कहा कि यह एक विशिष्ट प्रकार का सेमिनार संकल्पित किया गया है। जिसमे डूंगर महाविद्यालय के 25 विभागों के प्रोफेसर, बुद्धिजीवी एवं शोधार्थी अपने विषय में सूर्य एवं सौर ऊर्जा की अवधारणा, गंतव्य एवं प्रतिपादित सिद्धान्तों की व्याख्या वर्णन के साथ साथ नवीन क्षैत्रों का विषय प्रवर्तन भी कर सकेगें।
ब्रोशर के अनुसार कुछ सांकेतिक विषय जैसे – सौर ऊर्जा, सोलर जल, फोटोनिक्स, फोटोकैमिस्ट्री, ग्रीन एनर्जी, एस्टोनामी, रेडिएशन, साहित्य एवं लोक गाथाओं में सूर्य, जिओ एवं सोलर, सोलर भोजन, सोलर, दवाईयां, सोलर जाब्स आदि जैसे विषयों पर चर्चा की जाएगी ।
डाॅ. भोजक के अनुसार सेमिनार का उद्देश्य काॅलेज की बौद्धिक संपदा का दोहन समाज एवं संस्कृति के विकास में करने के साथ इंटर डिस्पलनरी शिक्षण के आयामों को दक्ष करना है। आयोजन सचिव डाॅ. सत्यानारायण ने सेमिनार की रूपरेखा बताते हुए कि सूर्य के उतरायण की व्याख्या सौर ऊर्जा के संपूर्ण उपयोग को वृहद् समाज के हित में किस प्रकार हो इसी पर आधारित है।
कार्यक्रम में डा. सुरूचि गुप्ता, डा. संगीता शर्मा, डाॅ. राजेन्द्र पुरोहित, डाॅ. देवेश खडेलवाल, डाॅ. एम.डी. शर्मा, डाॅ. दिव्या जोशी, डा. एस के यादव, डाॅ. प्रतिभा पायल, डाॅ. मधुसूदन एवं डाॅ. राजेन्द्र सिंह सहित बड़ी संख्या में प्रोफेसर उपस्थित रहे। संचालन डाॅ. एच.एस. भंडारी एवं धन्यवाद डाॅ. राजा राम द्वारा दिया गया।