BikanerEducationExclusiveSociety

प्राचार्यों के रिक्त पदों के चलते प्रदेश के स्कूलों की व्यवस्था चरमराई

*प्रधानाचार्य डीपीसी कराने की मांग को लेकर रेसा का अनिश्चितकालीन धरना प्रारम्भ*

सुनो सरकार, आपके शिक्षक 9 माह से कर रहे हैं इंतजार और कितना इंतजार कराओगे

*विरोध का नया अंदाज : रेसा की टोपी लगा कर धरने पर बैठे शिक्षक*

बीकानेर। राजस्थान शिक्षा सेवा परिषद ( रेसा ) के प्रांतीय आह्वान पर आज प्रदेश के सैंकड़ो शिक्षा अधिकारी प्राचार्य डीपीसी 2022-23 के लिए निदेशालय के समक्ष अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए। इस बार शिक्षक नये अंदाज में रेसा की टोपी पहन विरोध जता रहे हैं। ऐसा नजारा आमतौर पर राजनीतिक पार्टियों की सभाओं में देखने को मिलता है। रेसा के जिला महामंत्री कमल कांत स्वामी ने बताया कि प्राचार्य (प्रिंसिपल) डीपीसी 2022 -23 जो उपप्राचार्य (वाइस प्रिंसिपल) से प्राचार्य पद के लिए होनी है, वह 1 अप्रैल 2022 से लंबित है ,जिसके लिए लगभग 2300 उपप्राचार्य पात्र होते हुए भी, 9 माह से इंतजार कर रहे है, जिससे शिक्षाधिकारियों में निराशा का भाव उत्पन्न हो रहा है तथा विद्यालय संचालन भी बाधित हो रहा है। दूसरी तरफ निदेशालय द्वारा व्याख्याता से उप प्राचार्य की डीपीसी हेतु आज विभाग द्वारा आर पी एस सी को अभ्यर्थना भेज दी गयी है।नियमानुसार प्राचार्य डीपीसी के बाद उप प्राचार्य की डीपीसी होती तो लगभग 2300 और व्याख्याता उप प्राचार्य बनते मगर एक संगठन विशेष के दवाब में नियम विरुद्ध पहले उप प्राचार्य की डीपीसी करवाई जा रही है और पात्र उप प्राचार्यो तथा व्याख्याताओं को उनके वाजिब हक से वंचित किया जा रहा है।👇

परिषद के प्रदेश कोषाध्यक्ष ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में लगभग 6800 प्राचार्य के पद रिक्त होने के कारण विद्यालयों की स्थिति चरमराई हुई है अगर ये डीपीसी समय पर हो जाती तो लगभग 2300 विद्यालयों को प्राचार्य मिल जाते जिससे विद्यालय व्यवस्था भी सुदृढ़ होती।
आज धरने के साथ धरनार्थियों की निदेशालय स्टॉफ एवं निदेशक से दो दौर की वार्ता हुई मगर स्पष्ट निर्णय नही होने के कारण अनिश्चितकालीन धरना जारी रखने का निर्णय लिया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *