राजस्थान राज्य विप्र कल्याण बोर्ड की बोर्ड बैठक आयोजित
*विप्र समाज के विद्यार्थियों, महिलाओं, पूजापाठी ब्राह्मणों व पुजारियों के अधिकारों पर हुआ मंथन, सीएम को भेजे सुझाव*
*आगामी वित्तीय वर्ष में विप्र समाज को मिलेगी प्राथमिकता : राजकुमार किराडू*
बीकानेर। राजस्थान राज्य विप्र कल्याण बोर्ड द्वितीय बैठक बोर्ड अध्यक्ष महेश शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित की गई। राज्य विप्र कल्याण बोर्ड के सदस्य राजकुमार किराडू ने बताया कि राज्य सरकार के आगामी वित्तीय वर्ष 2023-24 हेतु विप्र समाज के सामाजिक एवं शैक्षणिक उत्थान के प्रस्ताव प्रेषित किए जाने हेतु बैठक का आयोजन किया गया। किराड़ू ने बताया कि इससे पूर्व बोर्ड की प्रथम बैठक 18 मई 2022 को आयोजित की गई थी जिसके विभिन्न बिंदुओं की अनुपालना रिपोर्ट भी प्रस्तुत की गई।
बैठक में विप्र समाज के विद्यार्थियों, महिलाओं, पूजा पाठी ब्राह्मणों आदि से संबंधित विभिन्न सुझाव बिंदुवार संकलित किए गए। जिनमें विप्र कल्याण कोष की स्थापना, छात्रवृत्ति योजना, परशुराम डीबीटी वाउचर योजना, विद्यालयों का निर्माण एवं उनका संचालन, मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना, आर्थिक पिछड़ा वर्ग विद्यार्थियों के लिए जिला स्तर पर छात्रावासों का निर्माण, महिलाओं के कल्याण हेतु विभिन्न प्रकार की योजनाओं के बारे में विस्तार से चर्चा की गई। इस दौरान मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अंतर्गत हथलेवा राशि में संशोधन की बात की गई तथा परशुराम पीठ का निर्माण एवं उनके संचालन के लिए आवश्यक रूपरेखा भी प्रस्तुत की गई। राजस्थान राज्य विप्र कल्याण बोर्ड के स्थाई कार्यालय के निर्माण के लिए भी बिन्दुवार चर्चा की गई।
किराड़ू ने बताया कि विभिन्न मंदिरों में कार्यरत पुजारी उपेक्षा का शिकार रहें है, लेकिन बोर्ड के गठन के बाद से ही इनके कल्याण एवं उत्थान हेतु बोर्ड तत्पर है। इसी क्रम में उनकी भोग राशि बढ़ाने पर भी विचार किया गया। देवस्थान विभाग में पंजीकृत मंदिरों के पुजारी सेवकों के मानदेय प्रारंभ करने की बात भी की गई। वर्तमान में पूर्व मंदिरों एवं कॉलोनियों में स्थित मंदिरों से पुजारियों को बेदखल करने हेतु कॉलोनी के बाशिंदों और ग्रामीणों द्वारा विकास समिति गठित कर पुजारियों को बेदखल करने की घटनाएं सामने आई है। इसको भी दृष्टिगत रखते हुए पुजारियों की सुरक्षा की दृष्टि से देवस्थान विभाग द्वारा गठित मंदिर एवं कॉलोनी की विकास समितियों में पुजारियों को पदाधिकारी रूप में आवश्यक रूप से शामिल किया जाना प्रस्तावित किया गया।
अध्यक्ष महेश शर्मा ने विश्वास दिलाया कि उक्त सभी बिंदुओं को संकलित कर राज्य सरकार को त्वरित कार्रवाई हेतु भेजा जाएगा। बैठक में उपाध्यक्ष मंजू शर्मा, सदस्य, सीताराम शर्मा नेहरु, सुरेशचंद्र शर्मा पूंछरी, भैरुसिंह राजपुरोहित, रवि जोशी, राजेश रामदेव आदि उपस्थित रहे।