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कॉलेज शिक्षा में अटकी पदोन्नतियां

जयपुर 29 दिसंबर। प्रदेश के 476 राजकीय महाविद्यालयों में से 386 महाविद्यालय बिना स्थाई प्राचार्य के विगत कई वर्षों से कार्यवाहक प्राचार्यों के चलाए जा रहे हैं। विगत 25 वर्षों से समय-समय पर जारी की जा रही वरिष्ठता सूची में 7 जनवरी 2021 को एकाएक भारी फेरबदल राजस्थान शिक्षा; महाविद्यालय शाखा नियम 1986 के नियमों के विरुद्ध जारी करने से पदोन्नतियों में गतिरोध उत्पन्न हो गया।

महाविद्यालयों में प्रोफेसर पद पर विवादग्रस्त वरिष्ठता सूची जारी करने के कारण 1 अप्रेल 2018 की स्थिति में पदोन्नतियां भी रूकी पड़ी हैं। कॉलेज शिक्षा विभाग द्वारा वरिष्ठता सूची में लोक सेवा आयोग के द्वारा ऐसे चयनित आरक्षित सूची के सहायक, सह आचार्यों को उनकी नियुक्ति तिथि से पूर्व नियुक्त सहायक एवं सह आचार्यों के ऊपर वरिष्ठता प्रदान करने के कारण प्रभावित पक्षकारों को उच्च न्यायालय से वरिष्ठता सूची पर 7 जनवरी 2021 पर स्थगन आदेश प्राप्त करना पड़ा।

डॉ श्रीधर शर्मा सेवा निवृत सह आचार्य ने मुख्यमंत्री एवं उच्च शिक्षा मंत्री, शासन सचिव उच्च शिक्षा को प्रतिवेदन प्रेषित कर विद्यमान नियमों के अधीन व प्रस्तुत प्रपत्रों के तहत पुनः परीक्षण करवा कर विवादास्पद वरिष्ठता सूची वापिस लेने की मांग की है। उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा 17 अक्टूबर 2022 को डॉ शर्मा के प्रतिवेदन का परीक्षण करवा कर पुन: आवश्यक कार्यवाही के निर्देश जारी किये परन्तु उच्च शिक्षा विभाग, कॉलेज शिक्षा विभाग के अडियल रवैये के चलते विभाग कार्यवाही नहीं कर रहे हैं।

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