ट्रेन में आया हार्ट अटैक: संकट के समय सहयोग के लिए दौड़ा संगठन
प्रेरणा : शाबाश पूर्वी उत्तर प्रदेश माहेश्वरी सभा
बीकानेर । कटक निवासी द्वारिका प्रसाद पेड़ीवाल हावड़ा से बीकानेर के लिये चलने वाली सुपरफास्ट वीकली से 28 नवंबर 22 को अपनी पत्नी तथा बेटी के साथ बीकानेर के लिए रवाना हुए। लखनऊ स्टॉपेज के कुछ स्टेशन के पहले अमेठी के आसपास हार्ट अटैक होने से पेड़ीवाल का निधन हो गया। ट्रेन के निकटवर्ती स्टॉपेज लखनऊ में उन्हें सहयोग की अर्जेंट आवश्यकता है, इस आशय की व्हाट्सएप पोस्ट देर रात में महामंत्री संदीप काबरा, जोधपुर के संज्ञान में आई। वे तुरंत सक्रिय हो उठे। उन्होंने केंद्रीय संगठन मंत्री अजय काबरा, भदोही तथा लखनऊ के बंधुओं को संकटग्रस्त परिवार का सहयोग करने के लिए सूचित किया। अजय काबरा ने भी तुरंत लखनऊ के कार्यकर्ताओं से संपर्क किया। रात्रि लगभग 01 बजे लखनऊ के कार्यकर्ताओं को यह सूचना प्राप्त हुई। ट्रेन के लखनऊ पहुंचने में बहुत कम समय बचा था। 👇
आनन-फानन में लखनऊ माहेश्वरी समाज के निखिल बलदवा, मनीष बलदवा, विनम्र तोषनीवाल, नितिन तोषनीवाल, पंकज तोषनीवाल, प्रवीण तोषनीवाल तथा ट्रांसगोमती माहेश्वरी समाज के रवीन्द्र गांधी ने पहुंचकर संकटग्रस्त परिवार को उत्मीय सांत्वना के साथ संभालते हुए ट्रेन से उतारा। ट्रेन से उतरने के बाद जीआरपी की प्रक्रिया पूरी कराई, सिविल हॉस्पिटल ले गए। वहां की औपचारिकता पूरी कराई, तत्पश्चात पेड़ीवाल परिवार की इच्छानुसार उन्हें काशी के लिए सड़क मार्ग से रवाना किया तथा व्हाट्सएप द्वारा लखनऊ से प्रदेश संगठन मंत्री रवीन्द्र गांधी तथा केंद्रीय संगठन मंत्री अजय काबरा ने वाराणसी के बंधुओं को सूचित किया। 👇
सुबह 05 बजे वाराणसी के कार्यकर्ताओं को इसकी सूचना प्राप्त हुई। पेड़ीवाल परिवार प्रातः 07 बजे तक पार्थिव शरीर के साथ वाराणसी पहुंचा, दोपहर तथा शाम को उनके परिवार के अन्य सदस्य तथा रिश्तेदार वाराणसी पहुंचे। शोक संतप्त परिवार के वाराणसी पहुंचने के पूर्व उन्हें संभालने के लिए वीरेन्द्र कुमार भुरारिया, श्रीराम माहेश्वरी, लोकेंद्र करवा, कृष्ण कुमार सोमानी, मांगीलाल सारडा, रामजीलाल चांडक, किशोर मूंदड़ा. गोपाल दम्माणी , मनीष चांडक व मनीष दुजारी स्थानीय माहेश्वरी भवन पहुंच गए और दिन भर उनका दु:ख दर्द बांटते हुए दाह-संस्कार की विधि संपन्न होने तक रात्रि 09 बजे तक उनके साथ रहे। माहेश्वरी भवन में रात्रि विश्राम करते हुए अगले दिन बुधवार को शोक संतप्त परिवार रवाना हुआ।👇
और समाज सेवी चांडक ने रद्द कर दी अपनी ट्रेन यात्रा
इस प्रकरण में एक व्यक्ति ने सहयोग का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया। पेड़ीवाल परिवार जिस बोगी में यात्रा कर रहे थे उसी बोगी में उनसे पूरी तरह अनजान युवक श्रीनाथ चांडक भी थे, जिन्हें बीकानेर एक विवाह में सम्मिलित होना था। इस वज्रपात से उत्पन्न परिस्थिति में पेड़ीवाल की पत्नी व बेटी अपने को असहाय महसूस करने लगीं। समूचे घटनाक्रम को देख रहे संवेदनशील चांडक के हृदय में माहेश्वरी भाव जागृत हो उठा। अपनी आगे की यात्रा रद्द करते हुए वे उनके साथ लखनऊ उतर गए। लखनऊ से उनके साथ वाराणसी आए। अंत्येष्टि कार्य संपन्न होने के पश्चात बीकानेर की ट्रेन पकड़ने के लिए वाराणसी से प्रयागराज गए।
अपने प्रदेश के सेवाव्रती कार्यकर्ताओं के प्रति आभार प्रकट करते हुए उनके सेवा भाव को नमन करती है… अभिनंदन करती है…। इसके साथ ही साथ प्रदेश सभा श्रीनाथजी चांडक के ‘माहेश्वरी सेवा भाव’ की वंदना करते हुए उनका अभिनंदन करती है। – पूर्वी उत्तर प्रदेश माहेश्वरी सभा (साभार : सुरेश राठी, बीकानेर के प्रमुख कारोबारी )