करोड़ों का फायर सेस फिर भी बेसिक संसाधनों के अभाव से जूझ रहा है अग्निशमन महकमा
दो दशक पुरानी फायर फाइटर गाड़ियों से संघर्ष
बीकानेर। बीकानेर जिला उद्योग संघ अध्यक्ष द्वारकाप्रसाद पचीसिया ने फायर सेस के नाम पर बीकानेर जिले से उपार्जित राशि को बीकानेर में ही फायर संबंधी उपकरण, वाहन एवं अग्निरोधी समस्याओं हेतु खर्च करने बाबत पत्र संभागीय आयुक्त नीरज के पवन को सौंपा । पत्र में बताया गया कि बीकानेर जिले के नगर निगम एवं निकायों द्वारा जिले से फायर सेस के नाम पर जो राशि वसूली जाती है उसको निगम एवं निकायों द्वारा प्राप्त रेवेन्यु को जयपुर मुख्यालय भिजवा दिया जाता है जिससे मुख्यालय द्वारा राजस्थान के अलग अलग जिलों में उपार्जित राशि खर्च कर दी जाती है जिसमें प्राप्त जानकारी के अनुसार जिन निकायों एवं निगमों से सरकार को बिलकुल भी रेवेन्यु प्राप्त नहीं होता है उन क्षेत्रों में फायर संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति कर दी जाती है। मिली जानकारी अनुसार बीकानेर जिले से फायर सेस के नाम पर वर्तमान में लगभग 4 करोड़ से अधिक की राशि रेवेन्यु के रूप में जमा है लेकिन फायर संबंधी समस्याओं के निवारण से बीकानेर जिला अभी भी अछूता है। वर्तमान में बीकानेर में 8 फायर फाइटिंग गाड़ियां है जो लगभग 17 से 18 साल पुरानी हो चुकी है एवं वर्तमान में बीकानेर के लिए केवल मात्र 4 फायर फाइटर गाड़ियां सेंक्सन हुई है जबकि बीकानेर में वर्तमान में कम से कम 6 गाड़ियों की आवश्यकता है। बीकानेर जिले में लगभग 14 औद्योगिक क्षेत्र है जिसमें हजारों के लगभग औद्योगिक इकाइयां संचालित हो रही है, साथ ही सिटी के करीब ही पी.बी.एम. अस्पताल भी है और वर्तमान में गंगाशहर, भीनाशहर भी बीकानेर नगर निगम के क्षेत्र में आते है तथा दिनों दिन नई नई कोलोनियाँ भी विकसित हो रही है। ऐसे में बीकानेर जिले को फायर संबंधी उपकरणों, वाहनों आदि की नितांत आवश्यकता है।