जीएसटी के नियमों में हो सरलीकरण ताकि कुटीर उद्योगों का बना रहे अस्तित्व – पचीसिया
बीकानेर । भारत सरकार द्वारा एक देश एक क़ानून के तहत अपनाई गई जीएसटी की व्यवस्था में सरलीकरण की काफी आवश्यकता है। इसके कुछ नियमों का असर सीधे कुटीर उद्योग धंधों पर पड़ रहा है जिससे इन इकाइयों का अस्तित्व खतरे में आ गया है। साजी पापड़ निर्माण की मुख्य कच्ची सामग्री है जिस पर 18% जीएसटी लगती है जबकि पापड़ पूर्णतया कर मुक्त है इसलिए साजी को भी पूर्णतया कर मुक्त किया जाए। यह बात बीकानेर जिला उद्योग संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने अध्यक्ष द्वारकाप्रसाद पचीसिया के नेतृत्व में जोधपुर से पधारे जीएसटी आयुक्त राजीव अग्रवाल से जीएसटी नियमों में सरलीकरण करवाने को लेकर चर्चा के दौरान कही। प्रतिनिधिमंडल ने जोधपुर से पधारे जीएसटी आयुक्त को बुके भेंट कर स्वागत करते हुए बताया कि दालों से निर्मित बड़ी व मंगोड़ी जो कि पूर्णतया हाथ से निर्मित होती है। वर्तमान में 12% जीएसटी लगती है इसे पूर्णतया कर मुक्त किया जाए। साथ ही स्वास्थ्य, शिक्षा एवं अन्य समाजोपयोगी क्षेत्रों में प्रदेश के प्रवासी एवं अप्रवासी भामाशाहों द्वारा जो धन राशि खर्च की जाती है ऐसे भामाशाहों को जीएसटी के राज्य कर में पूर्णतया छूट दी जाए ताकि उक्त निर्णय से प्रदेश में भामाशाह आगे आकर विकास में भागीदार बन सके। इस अवसर पर जीएसटी उपायुक्त संजय कुमार राव, बीकानेर जिला उद्योग संघ अध्यक्ष द्वारकाप्रसाद पचीसिया, सचिव वीरेंद्र किराडू, अनंतवीर जैन, लूणकरण सेठिया, गुरुदीप शर्मा आदि उपस्थित हुए।