विद्यार्थी हमारी धरोहर : कुलपति, प्रो. अम्बरीष शरण विद्यार्थी
बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय का स्टूडेंट इंडक्शन प्रोग्राम
प्रदेश के 42 संबद्ध और संघठक इंजीनियरिंग कॉलेजों के विद्यार्थियों से मुखातिब हुए कुलपति प्रो. अंबरीष शरण विद्यार्थी
बीकानेर। बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय दुवारा एक दिवसीय ऑनलाइन स्टूडेंट इंडक्शन प्रोग्राम का आयोजन किया गया। जिसमें सभी संबद्ध महाविद्यालयों के विद्यार्थियों और कॉलेज के प्राचायों और निदेशकों ने भाग लिया। जनसंपर्क अधिकारी विक्रम राठौड़ ने बताया कि नव प्रवेशित छात्रों को नए शैक्षणिक वातावरण में समायोजित करने और स्टूडेंट्स को विश्विद्यालय और संस्थान के माहौल, दर्शन, मूल्यों व शैक्षणिक संस्कृति से रूबरू कराने, छात्रों की भागीदारी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इंडक्शन प्रोग्राम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो.अंबरीष शरण विद्यार्थी द्वारा की गई, इस अवसर पर कुलपति प्रो. विद्यार्थी ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि यह प्रोग्राम उन नए छात्रों को अपने -अपने करियर में आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा भी देता है जिससे उनके अंदर कॉलेज के पहले दिन से ही एक आत्मविश्वास जगे। कॉलेज में दाखिला लेते ही वह अपने करियर की पहली सीढ़ी चढ़ना शुरू करते हैं। ऐसे में सही मार्गदर्शन और प्रेरणा इन छात्रों के इस शुरुआती कदम में काफी महत्वपूर्ण योगदान रखते हैं।
नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मूल भावना से अवगत कराते हुए कुलपति ने विद्यार्थियों से कहा कि नवीन शिक्षा प्रणाली के तहत उच्च शिक्षा में विभिन्न पाठ्यक्रमों की प्रक्रिया को बहुत ही लचीला बनाया गया है जिसमें , मल्टीपल एंट्री और एग्जिट के प्रावधान रखा गया हैं, जिसमें विद्यार्थी अपने मनपसंद पाठ्यक्रम का चयन कर सकता है। उन्होने कहा की विद्यार्थियों को बी.टेक की पढ़ाई करने के लिए अभ्यास की आवश्यकता है। छात्र एकाग्रता के साथ अध्ययन करें, जो भी पढ़ाया जा रहा है उसका नियमित रूप से रीविजन करें तथा तनावमुक्त होकर व अपने सहपाठियों के साथ समुह बनाकर व्यवहारिक रूप से अध्ययन करें, रटने के बजाय समझने पर अधिक फॉकस करना चाहिए जैसे उन्होंने सीविल इंजीनियरींग में ब्रीज का उदाहरण देते हुए बताया की उसके निर्माण के लिए हमारे पास सारी जानकारी होनी चाहिए तथा उसमें उपयोग में आने वाले मैटिरियल क्या होंगे, उसमें कितने पॉल होगें आदि के बारे में बताकर समझाया।
एकाग्रता सब सफलता का मूल मंत्र है।हर विद्यार्थी यह प्रयास करें कि पढ़ाई करने का तरीका नियोजित होना चाहिए। अध्ययन और अध्यापन दोनों ही व्यवहारिक होने चाहिए।विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का भी अपना महत्व है जो विद्यार्थी को एक आदर्श विद्यार्थी की पहचान प्रदान करता है।इसके पश्चात उन्होंने पढ़ने के तरीके जैसे ज्यादा स्कोरिंग वाले टॉपिक्स पर जानकरी दी, स्वयं के अनुभवों को सांझा करें, नौकरी को वरीयता देने के बजाय ज्ञान अर्जित करने पर अधिक ध्यान दें। इस कार्यक्रम में विभिन्न गतिविधियों जैसे योगा, बेस्ट ऑफ वेस्ट, बुकवर्म, पोस्टर मेकिंग, लोगो मेकिंग, स्पीच, पोयम रीसिटेशन, इंडस्ट्रियल विजिट, चेस व केरम आदि को शामिल किया गया तथा इसमें एक्सपर्ट टॉक के लिए डॉ. अनु शर्मा, डॉ. अल्का स्वामी, डॉ. हेम आहूजा, डॉ. प्रीति पारीक, डॉ. धर्मेंद्र यादव, डॉ. अजीत सिंह पुनिया, देवेन्द्र तिवारी, डॉ. सुधीर भारद्वाज आदि ने अपना-अपना व्याख्यान दिया। डॉ. देवी सिंह शेखावत ने सभी विद्यार्थियों आईस्टार्ट के बारे में बताया। आज के विद्यार्थियों को एकाग्रता की जरूरत है जिससे वो अपने उद्देश्य में सफल हो जाए इसके लिए आर्ट ऑफ लिविंग के द्वारा कार्यक्रम करवाया जाएगा। अक्षय पात्र फाउंडेशन द्वारा ’’हाउ टू कंट्रोल आवर माइन्ड’’ पर व्याख्यान दिया गया। साथ ही साथ कम्युनिकेशन, एक्सटा स्पोर्ट्स एक्टिविटी भी कराई जा रही है। टीम स्पिरिट डेवलपमेंट जिससे विद्यार्थियों का आत्मविश्वास जागृत हो सके, स्ट्रेस मैनेजमेंट, आइडियल लैब, पीयर प्रेशर, कम्युनिकेशन , न्यूटीशन, स्पिरिचुअल, प्रेजेंटेशन स्किल पर भी व्याख्यान हुए।
कुलपति ने कहा की विद्यार्थी जीवन हर विद्यार्थी व्यक्ति के जीवन का स्वर्णिम काल होता है। ऐसे में हमें इसका सही दिशा में उपयोग करना चाहिए। अभिभावक के रूप में विश्वविद्यालय की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। अपार उत्साह और भविष्य के उज्जवल दृष्टिकोण के साथ एक विद्यार्थी का स्कूल एजुकेशन से कॉलेज एजुकेशन में प्रवेश करना एक नया अनुभव होता हैं। हमारे विद्यार्थी उत्साह और उमंग से भरे प्रतिभावान विद्यार्थी है जिनमें विकास की अपार संभावनाए है। इनकी प्रतिभा को निखारने और उचित मंच देने के लिए सच्चे मन से हमें प्रयास करने होंगे।
विश्वविद्यालय अपने विद्यार्थियों एवं संबद्ध संस्थाओं की समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है।