याद करते हैं इस विद्वान की जयंती पुण्य तिथि, मगर हर साल भूल जाते हैं समाधि-स्थल की सार संभाल करना
बीकानेर 05 नवम्बर। महान् ईटालियन विद्वान डॉ. लुईजि पिऔ टैस्सीटोरी जिन्होंने राजस्थानी भाषा, साहित्य, संस्कृति एवं पुरातत्व के लिए अपना जीवन बीकानेर की धरा पर ही होम दिया। ऐसे महान् विद्वान के कार्यों को जन-जन तक पहुॅंचाने के लिए गत चार दशकों से भी अधिक समय से अपना सृजनात्मक दायित्व निर्वहन कर राजस्थानी युवा लेखक संघ एवं प्रज्ञालय संस्थान प्रति वर्ष उनकी पुण्य तिथि 22 नवम्बर को और जयन्ती 13 दिसम्बर को आयोजन करवाता रहा है। परन्तु प्रति वर्ष नगर निगम एवं जिला प्रशासन से मांँग करनी होती है कि डॉ. टैस्सीटोरी के समाधि स्थल की दुर्दशा की सार-संभाल करें। क्योंकि वहां के हालात ऐसे है कि मुख्य द्वार से समाधि स्थल तक पहुंचना बेहद मुश्किल है।
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जस्थानी युवा लेखक संघ के प्रदेशाध्यक्ष एवं राजस्थानी मान्यता आंदोलन के प्रवर्तक कमल रंगा और शाइर कासिम बीकानेरी ने इस वर्ष भी नगर निगम एवं जिला प्रशासन से पुनः इस वर्ष आगामी 22 नवम्बर, 2022 को टैस्सीटोरी की 103वीं पुण्य तिथि है। अतः पुण्य तिथि से पूर्व इस महान् विभूति के समाधि-स्थल पर समुचित सफाई व्यवस्था व अन्य कार्य करवाने की मांँग की है। रंगा ने कहा कि डॉ. टैस्सीटोरी के समाधि स्थल पर निर्माण कार्य अधुरा पड़ा है उसे नगर विकास न्यास शीघ्र पूरा कराए। साथ ही समय-समय पर संस्था द्वारा इस स्थल को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की मांग करता रहा है। उस ओर भी प्रशासन को शीघ्र ध्यान देना चाहिए।
वरिष्ठ साहित्यकार रंगा और शाइर कासिम बीकानेरी ने कहा कि डॉ. टैस्सीटोरी के समाधि स्थल पर ऐसी बुरी स्थिति है कि वहां झाड़-झंकड़, कचरा-कूड़ा एवं बेतरतीब बिखरी पड़ी निर्माण सामग्री आदि के कारण समाधि- स्थल पर पहुॅंच पाना ही कठिन है। अतः निगम प्रशासन इस स्थिति से समाधि-स्थल को सही करते हुए हमेशा के लिए एक स्थायी व्यवस्था करवाए।